गुना। निजी स्कूल संचालक शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) को मानने को तैयार
नहीं हैं। संचालक न केवल गरीब बच्चों पर फीस के लिए अनावश्यक दबाव बना रहे हैं, बल्कि उनसे अमानवीय व्यवहार भी किया जा
रहा है। जिले के बीनागंज कस्बे में अमानवीयता का एक मामला सामने आया, जिसमें स्कूल प्रबंधन ने बच्चे की फीस न
चुका पाने पर उसके पिता से एक माह तक मजदूरी करवाई। फिर भी स्कूल प्रबंधन फीस की
मांग कर रहा है। इससे तंग आकर अभिभावक ने मंगलवार को चाचौड़ा बीईओ से शिकायत दर्ज
की। सांवलुपर
के रामहेत मीणा का बेटे ललित बीनागंज के ज्ञान सागर स्कूल में कक्षा दो में पढ़ता
है। जब उसके बच्चे का इस स्कूल में बगैर फीस दिए एडमिशन हुआ तो उसे बड़ी खुशी हुई लेकिन
यह खुशी ज्यादा देर नहीं रह सकी। प्रबंधन ने उससे फीस मांग ली। ललित के पिता ने
कहा कि उसके बच्चे का एडमिशन तो आरटीई के तहत गरीब बच्चों के कोटे से हुआ है।
लेकिन उसकी एक नही सुनी गई। स्कूल संचालक गोरेलाल यादव ने रामहेत के सामने शर्त
रखी कि वह स्कूल के निर्माण में एक महीने तक मजदूरी कर फीस चुका सकता है। उसने
मजबूरीवश शर्त मान ली। एक महीने तक काम भी किया। इसके बाद भी बच्चे को स्कूल से
निकाल दिया। अब धमकी दी जा रही है कि सात अप्रैल से होने वाली परीक्षाओं में भी
शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इससे तंग आकर रामहेत ने मंगलवार को स्कूल प्रबंधन की
शिकायत चाचौड़ा बीईओ दशरथ सिंह मीणा से की है। बीईओ ने स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई
का आश्वासन दिया है। स्कूल संचालक गोरेलाल यादव का कहना है कि बच्चे के पिता से
हमारी बात हो गई है। विवाद जैसी कोई बात नहीं है। |