भोपाल: टीवी, फ्रिज, मोबाइल सहित कई उत्पादों पर वैट 13 से
बढ़ाकर 14 फीसदी करने के लिए सरकार सोमवार रात बैकडोर से प्रावधान ले आई। शासन ने
रात में वैट एक्ट की धारा 71 के तहत टैक्स एक फीसदी बढ़ाने के लिए नोटिफिकेशन (नंबर
14) जारी कर आपत्तियां बुला ली हैं। इनका निराकरण 31 मार्च की रात तक कर दिया
जाएगा। 1 अप्रैल से इन सभी वस्तुओं पर टैक्स की दर 14 फीसदी कर दी जाएगी। बजट
सत्र में वित्त मंत्री ने इस दर को बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन बजट सत्र पूरा नहीं होने से वैट
एक्ट में संशोधन पेश नहीं हो सका। सरकार अध्यादेश के जरिए यह प्रावधान लाना चाहती
थी, लेकिन इस बीच राज्यपाल रामनरेश यादव के
पुत्र का निधन हो गया। ऐसे में अध्यादेश नहीं आ सका। सरकार ने जिस तरह पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने का प्रावधान धारा 71 के तहत रातोरात कर दिया था, उसी तरह अब लक्जरी आयटम पर टैक्स की दर भी 14 फीसदी करने जा रही है। वरिष्ठ कर सलाहकार आर.एस. गोयल ने कहा कि इस एक्ट को लेकर व्यापारियों में काफी असमंजस था। अब यह दूर हो गया है। शासन को चाहिए था कि आपत्तियों के लिए कम से कम तीन-चार दिन का समय देते। वैट
एक्ट के शेड्यूल टू के पार्ट टू में टीवी, फ्रिज, मोबाइल, अन्य इलेक्ट्रॉनिक आयटम, कार, बाइक, सीमेंट, सेनेटरी आयटम, बिस्किट, चॉकलेट सहित 500 से ज्यादा वस्तुएं शामिल
हैं। इन सभी पर टैक्स की दर बढ़ जाएगी। कलेक्टर
गाइडलाइन जारी करने पर लगी रोक राज्य शासन ने सोमवार को हटा दी। इसके बाद केंद्रीय
मूल्यांकन कमेटी ने इंदौर जिला मूल्यांकन कमेटी द्वारा भेजी गई प्रस्तावित
गाइडलाइन को रात में मंजूरी दे दी। अब 1 अप्रैल से गाइडलाइन की नई कीमतें लागू हो
जाएंगी। इससे
पहले शासन ने गाइडलाइन बनाने के नियमों की समीक्षा की बात कहते हुए जारी करने पर
रोक लगा दी थी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी थी। इस
कमेटी की बैठक 25 मार्च के बाद सोमवार को फिर हुई। इसमें तय हुआ कि इस बार
गाइडलाइन को जारी किया जाए। कमेटी
ने यह कहकर इस बार कीमतों में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया कि पहले इसके नियमों में
संशोधन करना होगा। समीक्षा के बाद प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन अगले साल की
गाइडलाइन बनाने के लिए किए जाएं। इसके
लिए स्टाम्प अधिनियम के तहत गाइडलाइन के नियमों में शासन स्तर की समिति को भी
शामिल किया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी की मंजूरी मिलते ही
केंद्रीय कमेटी के सदस्य देर रात तक हर जिले की गाइडलाइन को मंजूरी देते रहे। |