राष्ट्रीय (01/04/2015)
शेयर हॉल्डर्स चीनी मिल्स में मुनाफे के लिए योगदान दे
कैथल: सहकारी चीनी मिल्स को मुनाफे में लाने के लिए सभी शेयर हॉल्डर्स अपना योगदान दें। किसान ज्यादा पैदावार देने वाली अगेती गन्ने की किस्मों की बिजाई करें तथा निर्धारित समय पर ही गन्ने को मिल में लकर आएं ताकि चीनी की रिकवरी दर में बढोतरी हो। चीनी मिल को मुनाफे में लाकर ही किसानों को ज्यादा फायदा दिया जा सकता है। मिल द्वारा वर्तमान पिराई सीजन के दौरान सभी किसानों का पूरा गन्ना लिया जाएगा। यह अभिव्यक्ति सहकारी चीनी मिल्स के अध्यक्ष एवं उपायुक्त के. मकरंद पांडुरंग ने आज सहकारी चीनी मिल्स परिसर में आयोजित जनरल बॉडी की बैठक में उपस्थित बोर्ड ऑफ डायरैक्टर तथा शेयर हॉल्डर्स को संबोधित करते हुए व्यक्त की। इसके उपरांत उन्होंने चीनी मिल द्वारा आम जनता को रिटेल दाम पर चीनी उपलब्ध करवाने के लिए मिल द्वारा तैयार की गई 10 किलो की पैकिंग को लॉंच किया तथा लघु सचिवालय के सामने डाक घर के पास मिल द्वारा स्थापित किए गए रिटेल चीनी सेल काउंटर का भी उद्घाटन किया। यह 10 किलो चीनी की पैकिंग 300 रुपये में सेल काउंटर पर उपलब्ध है। चीनी मिल द्वारा चीनी की बिक्री को बढाने के लिए यह काउंटर खोला गया है। इसका अन्य उद्देश्य आम आदमी को रिटेल के दाम पर चीनी उपलब्ध करवाना है। उद्घाटन अवसर पर पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी, अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र कुमार, प्रबंध निदेशिका सुभिता ढाका, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुशील पांचाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं किसान उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान पिराई सत्र के दौरान 30 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य रखा गया है। अब तक मिल द्वारा 26 लाख 51 हजार 500 क्विंटल गन्ने की पिराई की जा चुकी है। इस दौरान मिल की चीनी रिकवरी दर 10.40 प्रतिशत चल रही है, जो कि सम्पूर्ण राज्य की सहकारी चीनी मिलों में तीसरे स्थान पर है। चीनी मिल द्वारा अब तक 2 लाख 42 हजार 645 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे चीनी मिल को मुनाफे में लाने के लिए अपना सक्रीय सहयोग दें। किसानों द्वारा उत्तम किस्म की अगेती गन्ने की किस्में उगाने से मिल की उत्पादकता में वृद्धि होगी। शेयर हॉल्डर्स अपसी सहयोग से चीनी मिल को मुनाफे में लाएं। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उन्हें गन्ने का भुगतान शीघ्र ही कर दिया जाएगा तथा मिल द्वारा गत 31 जनवरी तक खरीदे गए गन्ने का भुगतान किया जा चुका है। उपायुक्त ने सहकारी चीनी मिल की शुरुआत के संदर्भ में कहा कि इनकी शुरुआत सर्व प्रथम महाराष्ट्र में हुई थी। उन्होंने कहा कि गन्ने की उन्नत किस्मों के लिए अनुसंधान कर्ताओं की भी मदद ली जाएगी ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा पैदावार मिले और मिल को उत्तम गणवत्ता को गन्न प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि मिल द्वारा किसानों को गन्ने की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्नत किस्म का गन्ने का बीज, रासायनिक खाद तथा कीटनाशक दवाइयां ब्याज मुक्त ऋण पर उपलब्ध करवाई जाती हैं।सहकारी चीनी मिल की प्रबंध निदेशिका सुभिता ढाका ने उपायुक्त तथा बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स एवं शेयर हॉल्डर्स का अभिवादन करते हुए कहा कि चीनी मिल का यह 25वां पिराई सत्र चल रहा है। मिल प्रबधन द्वारा किसानों की भलाई के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रबंध निदेशिका ने कहा कि मिल द्वारा तैयार की जा रही चीनी उच्च गुणवत्ता की है तथा इसमें कम से कम रसायनों का प्रयोग किया जाता है। आम लोगों को सस्ती एवं गुणवत्ता की चीनी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मिल द्वारा रिटेल सेल काउंटर स्थापित किया गया है। इस काउंटर पर आम जन की सुविधा के लिए 10 किलो की पैकिंग उपलब्ध करवाई गई है तथा 10 किलो चीनी के पैक का मूल्य 300 रखा गया है। सहकारी चीनी मिल की जनरल बॉडी की बैठक में मिल के उपाध्यक्ष भाग सिंह, बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स में जयकिशन मान, सुभाष, गुलाब सिंह, बलबीर सिंह, बेद प्रकाश, कर्मचारी निदेशक, ईश्वर सिंह, लेखाकार धर्मवीर अहलावत, मुख्य अभियंता ए.ए. सिद्दकी, मुख्य रसायन विद के.के. तिवारी, मिल युनियन के प्रधान सतपाल कादयान सहित मिल के शेयर हॉल्डर्स उपस्थित रहे। राजकुमार अग्रवाल |
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