ऐसा लग रहा है की शायद इंद्र देवता अवकी वार ब्रज के किसानो से ज्यादा ही रुष्ट हो गए है तभी तो वे लगातार किसानों की फसलों को बर्वाद करके कर्जे में डूबे इन किसानो को मरने पर ही मजबूर कर रहे है ,और फिर रही सही कसर को पूरा सरकार कर रही है की इस महीने में फसल की बर्वादी के कारन और कर्ज के बोज से दबकर मथुरा में आधा दर्जन से अधिक किसान अपनी जान दे चुके है मगर सरकार है की इन मरते हुए किसानों के आंसू पोछने के लिए कोई ठोस कदम तक नहीं उठा रही और यही कारण है किसान पस्त हो गए है और उनके पास न तो कर्जे चुकाने को पैसा है और न ही बच्चों को पालने का कोई साधन मथुरा में बेमौशम हो रही ओला बृष्टि और बरसात से किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट कर दी है और इन किसानो ने बैंको के साथ साथ साहूकारों से भी कर्ज लेने की बजह से जब फसल बर्बाद हो रही है जिसे देख मथुरा के फरह क्षेत्र में रेपुराजात इलाके के बढ़ाया गांव में 58 वर्ष के किसान विजय सिंह की उस समय मौत हो गयी जब आठ मार्च की रात ओला बृष्टि से उसकी आलू और गेंहू की फसल तबाह हो गयी बही नौझील में 24 मार्च को पप्पू किसान की मौत तब हो गयी जब वो घर से चाय पीने के वाद खेत पर अपनी फसल को देखने गया तो फिर लौटा ही नहीं जब घर वालों ने खेत पर जाकर देखा तो पप्पू किसान अपनी गेंहू के खेत में मृत मिला तो 27 मार्च को महाराज गड के किसान रघुबीर की मौत हो गयी बही भलाई और कशेरा गांव में भी किसानों की मौत की खबर मिली थी मगर आज तब और किसानो में कोहराम मच गया जब थाना सुरीर के बरौठ गांव के रहने वाले किसान किशन स्वरुप की मौत की खबर लोगो ने सुनी की किशन अपने खेतों में खड़ी फसल के नुकसान से मानसिक रूप से काफी परेशान था और उस पर उसने अपने खेतों के साथ और भी कई किसानों की जमीन में कर्जे के रूपए से फसल की थी जिसके बर्वाद हो जाने और घर में पांच बेटियों और दो बेटा के होने से उसको चिंता खाए जा रही थी और आज जब सुबह से बरसात फिर से शुरू हुई तो उसकी हिम्मत दम तोड़ गयी क्योंकि बैंक से भी उसकी रिकबरी करने के लिए दवाव बनाया जाने लगा तो आज किशन जब खेतों पर फसल काटने गया तो बरसात होती देख वो एक दम सदमे में आ गया और जब तक वो घर आया तब तक घर आते ही उसने दम तोड़ दिया जिसके बाद पूरे परिवार में शोक फ़ैल गया है, और किसान यही मांग कर रहे है की सरकार हमको सहारा दे मगर सरकार द्वारा कराये जा रहे किसानों के नुकसान के सर्बे की टीम असल में नुकसान वाले किसानो तक पहुँचती ही नहीं जिससे ये किसान दम तोड़ते जा रहे है, अब देखना यही है की रोजाना मरते मथुरा के किसानो को इंद्र देवता के साथ साथ सरकार कब राहत दे पाती है मथुरा से मदन सारस्वत की रिपोर्ट |