राष्ट्रीय (31/03/2015)
NRI पति के उत्पीड़न की शिकार विवाहिता ने प्रशासन से लगाई न्याय के लिए गुहार

एनआरआई पति के उत्पीड़न की शिकार एक विवाहिता ने न्याय के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, प्रधानमंत्री और रोहतक के आईजी से गुहार लगाई है। लुधियाना की कोर्ट ने पति को भगौड़ा भी घोषित कर रखा है। इस महिला ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने फर्जी हस्ताक्षर कर उसका व उसके पति का फोटो लगाकर अलग से राशन कार्ड भी बनवा लिया है। इस महिला का पति इटली में है, जबकि ससुरालवाले रोहतक के सुनारिया चौक की हरि सिंह कालोनी में रहते हैं। लुधियाना के न्यू पटेल नगर निवासी संगीता कुमारी का विवाह 17 जून 2010 को रोहतक के हरि सिंह कालोनी के राजीव हुड्डा के साथ हुआ था। शादी के समय संगीता के पिता बलबीर सिंह ने अपनी हैसियत के मुताबिक काफी दान-दहेज दिया था। लेकिन संगीता के ससुर धर्मबीर हुड्डा, सास सतवंती हुड्डा, जेठ राकेश व जेठानी सुनीता और दहेज की मांग करते रहे। संगीता के परिजनों से 30 लाख रूपए नकद की मांग की गई। शादी के 25 दिन ही राजीव भारत में रहा और फिर इटली चला गया। बाद में चार जनवरी 2011 को संगीता पर्यटक वीजा पर इटली गई। तब भी वहां राजीव ने 30 लाख रूपए के लिए उसे तंग किया। इस दौरान वह गर्भवती हो गई, लेकिन राजीव ने उसके साथ मारपीट की। जिसकी वजह से उसका गर्भपात हो गया। संगीता 29अप्रैल 2011 तक इटली में रही और फिर भारत आना पड़ा। 7 अगस्त 2011 को राजीव भारत वापस आया। इस दौरान भी संगीता को राजीव और उसके ससुरालवालों ने काफी तंग किया। 20 दिन तक रहने के बाद राजीव फिर इटली चला गया। इस बीच ससुरालवालों का संगीता को तंग करना जारी रहा और उनसे परेशान होकर वह 7 दिसंबर 2011 को अपने माता-पिता के पास लुधियाना चली गई। 24 सितंबर 2013 को संगीता की शिकायत पर लुधियाना के एनआरआई पुलिस स्टेशन ने राजीव हुड्डा, उसके पिता धर्मबीर हुड्डा, सतवंती हुड्डा, जेठ राकेश व जेठानी सुनीता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 498 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। लुधियाना कोर्ट से राजीव को छोड़कर बाकी ससुरालवालों को अंतरिम जमानत मिल गई। लेकिन राजीव कोर्ट में पेश नहीं हुआ। 21 अप्रैल 2014 को कोर्ट ने राजीव हुड्डा को भगौड़ा घोषित कर दिया। संगीता कुमारी ने बताया कि उसके ससुरालवालों ने फर्जी हस्ताक्षर कर राशन कार्ड बनवाया है। यह राशन कार्ड राजीव हुड्ड और संगीता का है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। संगीता ने बताया कि राजीव हुड्डा का अलग से राशन कार्ड बनवाने के लिए उसके परिजनों ने फर्जी हस्ताक्षर किए। जो आवेदन किया गया, उस पर राजीव के हस्ताक्षर नहीं थे क्योंकि उस दौरान वह भारत में था ही नहीं और वह अपने पति के हस्ताक्षर को पहचानती है। 18 जून 2012 को यह राशन कार्ड खाद्य आपूर्ति विभाग रोहतक की ओर से जारी हुआ है। संगीता का कहना है कि इसी अलग राशन कार्ड का हवाला देकर उसके सससुरावालों को दहेज उत्पीड़न के केस में अंतरिम जमानत मिली थी क्योंकि उन्होंने कहा था कि राजीव का अलग राशन कार्ड है और वह उनसे अलग रहता है। जबकि वह जानती है कि राशन कार्ड फर्जी हस्ताक्षर कर बनवाया गया है। इसलिए इस मामले में भी ससुरालवालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। संगीता ने रोहतक के आईजी से मुलाकात कर कार्रवाई करने के लिए गुहार लगाई है। वह हरियाणा के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखकर अपनी व्यथा सुना चुकी है। पर अब तक न्याय से वंचित है। |
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