राष्ट्रीय (26/03/2015)
सीनियर सैकेंडरी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल संचालकों ने फिर भरी दहाड़
किसी कीमत पर नहीं करेंगे बच्चों को एडजस्ट कैथल: जिले भर के मान्यता प्राप्त सीनियर सैकेंडरी स्कूल संचालकों ने एक बार फिर से दहाड़ भरते हुए यह साफ कर दिया है कि वह किसी कीमत पर गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को अपने स्कूलों में एडजस्ट नहीं करेंगे। शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना ही संगठन का उद्देश्य है। यह निर्णय 12वीं कक्षा तक के स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों ने गुरुवार को आयोजित बैठक में लिया। बैठक में जिले भर से निजी स्कूल संचालकों ने हिस्सा लिया। बैठक में अपने विचार रखते हुए सुभाष संधू, प्रदीप कसान ने बताया कि शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार कोई भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल या जिन स्कूलों के पास सीनियर सैकेंडरी तक की मान्यता नहीं है, वह अपने स्कूल में 12वीं तक के बच्चे नहीं पढ़ा सकते, लेकिन जिले भर में कई ऐसे निजी स्कूल संचालक हैं, जो शिक्षा विभाग के निर्देशों को दरकिनार करते हुए अपने स्कूलों में बच्चों को एडजस्ट करने में लगे हुए हैं। यहां तक कि जिन स्कूलों को 10वीं कक्षा तक के बच्चों को ही शिक्षा देने की मान्यता प्राप्त हैं, वह स्कूल भी 12वीं कक्षा तक के बच्चों का दाखिला लेकर उन्हें अन्य स्कूलों में एडजस्ट करवाते हैं, जो कि सीधा-सीधा शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन हैं। उन्होंने बताया कि जिले भर में एडजस्ट करवाने की प्रक्रिया को खत्म करवाने व शिक्षा विभाग के नियमों का सख्ती से पालन करवाने की मांग को लेकर मान्यता प्राप्त सीनियर सैकेंडरी निजी स्कूल संचालकों का शिष्टमंडल 19 मार्च को भिवानी में शिक्षा विभाग के सचिव से भी मिला था और उन से आग्रह किया था कि शिक्षा विभाग के निर्देशों का कैथल जिले के स्कूलों में भी पालन करवाया जाए ताकि बच्चों को जहां अच्छी शिक्षा का अवसर मिल सकें वहीं उनके भविष्य पर भी किसी तरह की तलवार न लटके। बैठक में भाग ले रहे बलिदं्र संधू, जगजीत माजरा, सुरेश नैन, रघुबीर सिंह, परमानंद गोयल, खुशीराम, श्रवण कुमार आदि ने बताया कि शिक्षा विभाग सचिव ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह पूरी तरह से मान्यता प्राप्त सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के साथ हैं और यदि उसके बावजूद भी कोई निजी स्कूल बच्चों को एडजस्ट करता पाया गया तो उस पर 3 लाख रुपए तक जुर्माना किया जाएगा और उन स्कूलों में एडजस्ट किए गए बच्चों के रोल नंबर रोक दिए जाएंगे। नियमों का उल्लंघन करने वाले उन स्कूलों की मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी। सभी सीनियर सैकेंडरी मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों ने बताया कि बच्चों को एडजस्ट न करने पर सभी सदस्यों ने सहमति दी है और अब तक जिले भर में लगभग 50 निजी स्कूल बच्चों को एडजस्ट न करने का पत्र लिखित में दे चुके हैं। इस अवसर पर सुभाष संधू, प्रदीप कसान, राजेश मुझांल, बलिदं संधू, जगजीत माजरा, सुरेश नैन, रघुबीर सिंह, परमानंद गोयल, खुशीराम, श्रवण कुमार आदि भी मौजूद थे। |
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