राष्ट्रीय (26/03/2015)
पौष्टिक एवं मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है जैविक खेती - राज्यपाल
कैथल: हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह
सोलंकी ने किसानों का आह्वान किया कि वे जैविक खेती को बढ़ावा दें, जो
ज्यादा पौष्टिक एवं मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। किसान फसलों में
ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में रसायनिक खादों
का अंधाधुंध उपयोग कर रहे हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ
मनुष्य का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी आज
गांव चंदाना / दुमाड़ा में स्थित सिरोही हर्बल फार्म पर फोटो प्रदर्शनी,
आयुर्वेदिक उत्पाद की प्रदर्शनी, कृषि उपकरणों
की प्रदर्शनी, गुलाब जल व सौर ऊर्जा चलित नलकूप के साथ-साथ पोली हाऊस में
तैयार किए गए विभिन्न बीमारियों के उपचार में सहायक औषधीय पौधों, गुलाब की
खेती का अवलोकन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा
कि शास्त्रों में औषधीय पौधों की उपयोगिता व
ज्ञान भरपूर मात्रा में छिपा है, इस ज्ञान को शास्त्रों से बाहर निकालकर
उपयोग में लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक-एक औषधीय पौधे में कई- कई
बीमारियों का निदान छिपा है, जिससे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने
में मदद मिलती है। ऐसे औषधीय ज्ञान के भंडार को
प्रदेश के लोगों के बीच प्रचार-प्रसार की जरूरत है, ताकि इन पौधों के
उपयोग से विभिन्न बीमारियों का निदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों
में जैविक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन देने की जरूरत है
तथा कृषि के ज्ञान को अपडेट करके आगे बढ़ाना आज समय की जरूरत है। कप्तान
सिंह सोलंकी ने कहा कि हरियाणा सरकार जैविक खेती व आयुर्वेदिक उपचार पद्धति
को बढ़ावा दे रही है, इसलिए आयुर्वेद के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया
है। अलग मंत्रालय स्थापित करने से इस पद्धति का
ज्यादा से ज्यादा प्रसार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जैविक खेती व
आयुर्वेदिक उत्पादों के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए किसानों में जागरूकता
लाने के लिए जन जागरण अभियान चलाने की आवश्यकता है। सरकार समाज के अनुरूप कार्य
करती है, इसलिए समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है, जब समाज जागरूक होगा,
तब सरकार समाज की भावना के अनुरूप कार्य करेगी। सरकार किसानों को उनकी
फसल का उचित मूल्य तथा उनके उत्पाद की बिक्री की उचित व्यवस्था करे, ताकि किसानों
को तैयार उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो और खेती का
व्यवसाय घाटे का सौदा न रहे। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों पर और अनुसंधान
करके पुराने ज्ञान में बढ़ोत्तरी करना आज समय की मांग है। हमारी प्राचीन
आयुर्वेदिक पद्धति को हजारों वर्ष पुरानी गुलामी
ने लुप्त कर दिया था, इस लुप्त प्राय: आयुर्वेदिक पद्धति को फिर से जिंदा
करके इसकी उपयोगिता व महत्व को समझना होगा। सोंलकी ने कहा कि हरियाणा
सरकार किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले करके उन्हें लागू कर रही है,
जिनमें किसानों की जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने
के लिए सोयल हैल्थ कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। इन हैल्थ कार्ड के तैयार
करने से किसानों को जमीन में विद्यमान आवश्यक तत्वों की जानकारी मिल सकेगी
तथा किसान आवश्यकता अनुसार ही फसलों में भूमि में कम तत्वों की पूर्ति करके
ज्यादा पैदावार ले सकेंगे। सरकार द्वारा फूड
पार्क भी स्थापित किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने इस दौरे के दौरान फोटो
प्रदर्शनी में प्रगतिशील किसान कुशल पाल सिंह सिरोही की खेती के क्षेत्र
में उपलब्धियां, आयुर्वेदिक उत्पाद, कृषि उपकरणों में छोटा चाईना ट्रैक्टर,
हैरो, ट्राली, पैड थ्रैसर आदि कृषि यंत्रों को
ध्यान से देखा तथा उनके उपयोग की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी
प्राप्त की। उन्होंने फार्म पर गुलाब जल तैयार करने की विधि व सौर ऊर्जा से
चलित नलकूप का भी निरीक्षण किया। प्रगतिशील किसान कुशल पाल ने पॉली हाऊस
में राज्यपाल को विभिन्न औषधीय पौधों के बारे
में जानकारी दी। इससे पूर्व उपायुक्त के.मकरंद पांडुरंग व पुलिस
अधीक्षक कृष्ण मुरारी ने फार्म पर पहुंचने पर राज्यपाल का जिला
प्रशासन की ओर से स्वागत किया तथा पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर
प्रस्तुत करके सलामी दी। इस
अवसर पर राज्यपाल के सचिव नीलम प्रदीप कासनी, राज्यपाल के एडीएसी जग
प्रवेश दहिया, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति
श्रीकांत शर्मा, कलायत के एसडीएम अश्वनी मैंगी, केके सिरोही,
प्रगतिशील किसान रामेश्वर दास, चंदाना के सरपंच सुरेंद्र सिंह, डीडीपीओ सुरेंद्र कुमार व अन्य प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। राजकुमार अग्रवाल |
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