राष्ट्रीय (07/01/2015)
शहीदों के अधूरे सपनों को भाकियू हर सूरत में पूरा करेगी और किसी भी कुर्बानी व शहादत से पीछे नहीं हटेगी : गुनी प्रकाश
कैथल, गांव पबनावा में शहीदी दिवस पर सरकार के खिलाफ की आंदोलन की घोषणा भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुणी प्रकाश ने कहा कि निसिंग गोलीकांड, टोहाना, सतनाली, कादमा, मंडीहाली, इगरा, शिमला, कंडेला संघर्ष कांड में ४६ किसान विभिन्न सरकारों के कार्यकाल के दौरान शहीद हुए थे। जिनके अधूरे सपनों को भाकियू हर सूरत में पूरा करेगी और किसी भी कुर्बानी व शहादत से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने वाले भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी का किसान बिरादरी से सार्वजनिक बहिष्कार किया जाएगा। गुणी प्रकाश गांव चुहड़माजरा में निसिंग गोलीकांड में ७ जनवरी १९९३ में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल सरकार के दौरान शहीद हुए किसान मामचंद व लखपत के शहीदी दिवस पर आयोजित समारोह में प्रदेश भर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने की, जबकि मंच संचालन युवा भाकियू प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने की। इससे पूर्व गांव चुहड़माजरा व गांव पबनावा में स्थित मामचंद व लखपत की प्रतिमा पर किसानों पर फूलों की माला डालकर श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी कुर्बानी को याद किया। इस मौके पर किसानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष भी जताया। यहां उल्लेख करना जरूरी है कि निसिंग गोलीकांड में भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुणी प्रकाश भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। किसानों को संबोधित करते हुए गुणी प्रकाश ने कहा कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित होकर किसान शहीदों की शहादत को इस्तेमाल कर किसान मुद्दों को लडऩे वाले संगठन व किसानों को भ्रमित कर रहा है। इसलिए किसान बिरादरी से चढ़ूनी का सार्वजनिक बहिष्कार किया जाएगा। किसानों को संबोधित करते हुए गुणी प्रकाश व प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार बिना समय गवाए तत्काल प्रभाव से स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करे, फसलों का किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जाए, निर्यात पर हटाई गई पाबंदी बंद की जाए, बीज व खाद की कालाबाजारी बंद की जाए, भूमि अधिग्रहण पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को रद्द किया जाए। किसानों के सभी प्रकार के कर्ज मुक्त किए जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा हाईकोर्ट में जल संधि को वापिस लेने पर सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों से जबरन बिजली के बिल वसूली करने पर रोक लगाई जाए। किसान संगठनों को सभी योजना कृषि समतियिों में किसान प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। भूमि अधिग्रहण पर पूर्व सरकार द्वारा भूमि घोटालों की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि भाकियू उक्त मुद्दों पर रणनीति तय करके सरकार के खिलाफ शीघ्र ही आंदोलन करेगी। उधर भाकियू के प्रदेशराध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार किसानों के हितों में स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करेगी, तब तक किसान बिजली के बिल व ऋण किसी भी सूरत में नहीं भरेंगे। अगर सरकार ने किसानों के साथ धक्केशाही या जबरदस्ती की तो प्रदेश में एक और कांड होगा। जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि ५ मार्च को पिपली अनाज मंडी में होने वाली भाकियू की रैली में केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। जिसमें कई संगठन व खापें भी भाग लेगी। चढ़ूनी गांव पबनावा में भजनलाल सरकार के दौरान निसिंग गोलीकांड में शहीद हुए किसान मामचंद व लखपत के शहीदी दिवस पर आयोजित प्रदेश स्तरीय समारोह में उपस्थित किसानों को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व किसानों ने गांव पबनावा व चुहड़माजरा में स्थित दोनों शहीद किसानों की प्रतिमाओं पर फूलों की माला डालकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का प्रण लिया। समारोह के आयोजक भाकियू के प्रदेश महासचिव भूरा राम पबनावा ने मंच संचालन किया। किसानेां को संबोधित करते हुए गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मौजूदा सरकार अपने वादों से मुकर रही है। फसलों पर किसानों को बोनस न देना किसानों के साथ सरासर धोखा है। सरकार किसानों की पीठ में छुरा घोप रही है। जिससे भाकियू किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। किसानों के साथ की गई वादाखिलाफी का भाजपा सरकार को खामियाजा अवश्य भुगतना पड़ेगा। किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू प्रदेश महासचिव भूरा राम पबनावा ने कहा कि इतिहास गवाह है जब भी किसी सरकार ने किसानों के साथ टकराव किया है, उसका पतन निश्चित हुआ है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसानों को स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाने के झूठे सपने दिखाकर किसानों की वोट हथियाकर सरकार बनाई है और अब सत्ता के नशे में किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार किसानों की दुश्मन बन चुकी है। खाद के लिए किसानों को मारे-मारे फिरना पड़ रहा है, लेकिन सरकार किसानों की कोई फरियाद नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ५ मार्च तक आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया तो पिपली अनाज मंडी में सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है। इस मौके पर किसान नेता पाला राम गौड़ व धर्मपाल छौत ने भी किसानों को संबोधित किया और किसानों के हितों में होने वाले हर आंदोलन में भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा कि किसानों के हितों को लेकर किसी भी आंदोलन व कुर्बानी से पीछे नहीं हटेंगे। |
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