राष्ट्रीय (07/01/2015) 
धर्मांतरण प्रकरण: अल्पसंख्यक आयोग करेगा सिफारिश
आगरा में वेदनगर धर्मांतरण प्रकरण की जांच के लिए आई प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग टीम की सिफारिशें मानी गईं तो कबाड़ बस्ती के निवासियों की रिहाइश और बच्चों की पढ़ाई का स्थायी प्रबंध सरकार करेगी। इस प्रकरण में आयोग ने खुफिया तंत्र को नाकाम पाया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह भी मांगी है। इसी के साथ रिपोर्ट दस जनवरी तक सरकार को सौंप दिए जाने की संभावना है।बता दें, गत आठ दिसंबर को वेदनगर कबाड़ बस्ती के करीब 37 परिवारों का कथित रूप से धर्मांतरण कराया गया। दूसरे दिन इस पर बवाल खड़ा हो गया। बस्ती के गरीब लोगों ने लालच और जबर्दस्ती होने का आरोप लगाते हुए धर्मांतरण से इनकार कर दिया। इस मामले पर कई दिन तक संसद ठप रही। प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने भी चार सदस्यीय टीम जांच को भेजा। टीम ने बस्तीवालों के अलावा मुस्लिम संस्थाओं और प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की।सूत्रों के अनुसार समिति ने रिपोर्ट में खुफिया तंत्र, परिवारों की रिहाइश और बच्चों की तालीम के बिंदुओं पर विशेष रूप से फोकस किया है। रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि किराए पर रह रहे गरीब बस्तीवालों को रिहायश के लिए जमीन मुहैया कराना पहली जरूरत है। ये वर्षों से यहां-वहां भटक रहे हैं। इन परिवारों में दर्जनों बच्चे और युवक भी हैं, जिनके लिए तालीम की स्थायी व्यवस्था भी जरूरी है। तालीम दीनी और दुनियावी दोनों ही हो।सूत्रों के मुताबिक आयोग का मानना है अगर खुफिया एजेंसियां सतर्क होतीं, तो यह प्रकरण नहीं होता। मीडिया को पता था, लेकिन खुफिया विभाग को नहीं। यही नहीं जब कथित धर्मांतरण अंजाम दिया जा रहा था, तब भी एजेंसियां शासन-प्रशासन को सूचना न दे सकीं। इसी प्रकरण के बाद से प्रदेश में जगह-जगह धर्मांतरण कराने की धमकी और घर वापसी की अफवाह फैलाकर कानून-व्यवस्था से खेलने की कोशिश हुई।प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग प्रवक्ता शफी आजमी ने बताया कि रिपोर्ट तैयार है। इस पर कानूनी सलाह ली जा रही है। जल्द ही शासन को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट में क्या है, इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता

 

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