राष्ट्रीय (07/01/2015) 
पैसों के लिए की थी पत्नी की हत्या
पूर्वी दिल्ली के थाना मधु विहार इलाके में पति द्वारा पत्नी की हत्या मामले में पति के पकड़े जाने पर उसने खुलासा किया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या पैसों के लिए की थी। आरोपी को कारोबार शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत थी, जब उसकी पत्नी ने अपने मायके से पैसे  लाने के लिए मना किया तो आरोपी ने गुस्से में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी और मौके से फरार हो गया था। मधु विहार इलाके के चंद्र विहार में वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने हत्या के बाद से फरार चल रहे आरोपी पति अविनाश (25) को गिरफ्तार कर लिया है और पुलिस मृतका अंशु शर्मा (21) के शव को पोस्टमार्टम के बाद उसके पिता रूप चंद को सौंप दिया है। पुलिस के मुताबिक अंशु शर्मा अपने परिजनों के साथ मंडावली में रहती थी। उसके पिता रूप चंद सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं। अंशु और अविनाश एक दूसरे से प्रेम करते थे। लेकिन उनके घर वाले दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं थे। करीब डेढ़ साल पहले दोनों ने घर से भागकर शादी कर ली थी। वर्तमान में अंशु और अविनाश चंद्र विहार इलाके में किराए के फ्लैट में रह रहे थे। लड़की के परिजनों का आरोप है कि अविनाश ने कुछ समय पहले उनसे दहेज की मांग की थी। अविनाश का कहना था कि उसने शादी में तो कुछ नहीं लिया। लेकिन अब उसे कारोबार शुरू करने के लिए दहेज के रूप में पैसे चाहिएं। मांग पूरी न करने पर अविनाश ने शनिवार रात करीब नौ बजे अंशु शर्मा की गला घोंटकर हत्या कर दी। अंशु को अचेत अवस्था में डॉ. हेडगेवार अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।  अंशु की संदिग्ध मौत के कारण अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को  घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एलबीएस अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया। अंशु की हत्या के बाद से ही आरोपी पति फरार था। मधु विहार पुलिस ने इस बाबत दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार रात को छापेमारी के दौरान पुलिस ने अविनाश को धरदबोचा। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने बताया कि उसकी आमदनी बेहद कम थी। वह लक्ष्मी नगर में किसी के पास अकाउंटेंट का काम करता था। जहां से उसे नौ हजार रुपए प्रतिमाह मिलते थे। लेकिन जिस फ्लैट में वह किराए पर रहते है उसका किराया ही छह हजार रुपए था। आर्थिक तंगी से उबरने के लिए उसने अंशु के परिजनों पर दहेज के लिए दबाव बना शुरू किया था।

---बीते वर्ष 147 महिलाएं दहेज के लिए सूली पर चढ़ाई गईं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014 में दहेज प्रताडऩा के 3005 मुकदमे दर्ज किए गए थे। वर्ष 2013 में दहेज हत्या के 137 मामले और दहेज प्रताडऩा के 2 हजार 877 मामले दर्ज किए गए।
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