सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया तथा उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा द्वारा वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल पर जारी की गई पुस्तिका को झूठ का पुलिंदा तथा लोगों को गुमराह करने का एक प्रयास करार दिया है। आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि गत दो वर्षों में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हुए समान, संतुलित व सर्वांगीण विकास से भाजपा के नेता विचलित हो गए हैं और हताशा में इस प्रकार के कार्य कर लोगों का ध्यान बांटना चाहते हैं, जबकि राज्यवासी जानते हैं कि भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश की बेशकीमती भूमि को पूंजीपतियों के हाथों लुटाने का रिकार्ड कायम किया था। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के लोग भाजपा के नकारात्मक रवैये को जानते हैं और उन्हें कि भाजपा ने किस तरह प्रदेश व प्रदेशवासियों के विकास से सरोकार रखने वाले मुद्दों पर चर्चा न कर लगातार विधान सभा सत्रों का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि अब भाजपा के नेता राज्य सरकार की उपब्धियों से विचलित हो कर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं इसलिए भाजपा की पुस्तिका भी खोखला दस्तावेज़ साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालते ही कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को सरकार का नीति दस्तावेज बनाया और पहले ही दिन से इस पर कार्य करना आरंभ कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके बेहतर कार्यान्वयन को सुनिश्चित बनाने के लिए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उप समिति बनाई गई। हालांकि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश व प्रदेशवासियों के साथ खिलवाड़ किया था। सरकार ने बेहतर आर्थिक प्रबंधन से विकास और कल्याण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं के कौशल विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की कौशल विकास भत्ता योजना चला रही है, ताकि युवाओं का कौशल विकास हो सके और उन्हें रोज़गार के समुचित अवसर उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि युवाओं को रोज़गार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए उनका कौशल विकास करना बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में 65 हज़ार से अधिक युवा इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और उन्हें वायदे के अनुरूप प्रतिमाह एक हज़ार से लेकर 1500 रुपये तक का कौशल विकास भत्ता दिया जा रहा है, जो सीधा उनके खाते में जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की इस अनूठी योजना की पूरे देश में सराहना हुई है, यहां तक कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने भी कौशल विकास के लिए अलग से मंत्रालय का गठन किया है। यह हास्यास्पद है कि हिमाचल प्रदेश भाजपा को इसमें भी खोट दिखाई दे रहा है। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में सस्ते राशन की योजना मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने पिछले शासनकाल में शुरू की थी और विगत यूपीए सरकार द्वारा राजीव गांधी अन्न योजना से छूट गए परिवारों के लिए राज्य खाद्यान्न उपदान योजना आरंभ की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सभी प्रदेशवासियों को उपदानयुक्त दरों पर सस्ता राशन देने के लिए गत दो वर्षों में ही 457 करोड़ रुपये का उपदान दिया गया। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्य काल में प्रदेश में शिक्षा का व्यापारीकरण किया और प्रदेश की बेशकीमती भूमि को कौड़ियों के भाव निजी शिक्षण संस्थानों को दिया, जबकि प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार ने गत दो वर्षों में ही प्रदेश के दूर-दराज गांवों में 720 के लगभग नये शिक्षण संस्थान तथा 14 महा विद्यालय खोले हैं। प्रदेश में 8000 शिक्षकों को नियुक्ति दी गई या उनकी तरक्की की गई। यही नहीं, सरकार ने पीटीए के तहत नियुक्त स्कूली अध्यापकों की अनुदान राशि को 7,500 रुपये से बढ़ाकर 10,375 रुपये किया है और उन्हें 7 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के उपरांत अनुबंध पर तैनात करने का निर्णय लिया है तथा अपने वायदे के अनुरूप सभी पैरा अध्यापकों को नियमित किया है। सरकार ने पैट अध्यापकों के मानदेय को भी बढ़ाकर 8,900 रुपये किया है। सरकार होनहार विद्यार्थियों को राजीव गांधी डिजीटल विद्यार्थी योजना के अंतर्गत लैपटॉप दे रही है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13,500 लैपटॉप दिए गए हैं। स्टोक्स, पठानिया एवं अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 600 रुपये करने का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि प्रदेश मंे 3,04,921 पात्र लोगों को पैंशन दी जा रही है। सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 450 रुपये से बढ़ाकर 550 रुपये किया है, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को एक हज़ार रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी 150 रुपये से बढ़ाकर 175 रुपये की तथा सात वर्ष का सेवाकाल करने वाले दिहाड़ीदारों को नियमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को आत्मचिंतन करना चाहिए कि अपने कार्यकाल मंे उन्होंने क्या वायदे किए थे और उनमें कितनांे को वे पूरा कर सके। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रही है और गत दो वर्षों में प्रदेश के मंडी ज़िले में ईएसआई मेडिकल कॉलेज व अस्पताल खोला गया तथा चम्बा, हमीरपुर एवं सिरमौर में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिसके लिए सरकार द्वारा 190-190 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यही नहीं, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज तथा टांडा मेडिकल कॉलेज को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को निमंत्रित करने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री इसके लिए राष्ट्रव्यापी दौरा कर रहे हैं, ताकि राज्य में अधिक से अधिक निवेश प्राप्त हो सके। सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश को 2500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। स्टोक्स, पठानिया एवं अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आयातीत सेब पर शुल्क बढ़ाने का मामला केन्द्र सरकार से उठाया है, ताकि प्रदेश में सेब उत्पादकों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि अब केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है और यदि हिमाचल भाजपा के लोग सेब उत्पादकों के सच्चे हितैशी हैं, तो वे भी अपने स्तर पर केन्द्र सरकार से इस मामले को उठाए न कि इस विषय पर ओछी राजनीति करे। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री तथा उद्योग मंत्री ने कहा कि वन विभाग में जो वन रक्षकों की भर्ती हुई है, उन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुरूप किया गया है तथा इसमें पूर्ण पारदर्शिता बरती गई है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि शारीरिक परीक्षा की वीडियोग्राफी की गई है, ताकि किसी को भी संदेह न रहे, जबकि लिखित परीक्षा डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा ली गई है। उन्होंने कहा कि जहां तक कंडक्टरों की भर्ती की बात है तो भाजपा के नेताओं को यह मालूम होना चाहिए कि उनके समय में भी कंडक्टरों की भर्ती संबंधित विभाग द्वारा ही की जाती थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हरित आवरण को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को याद होना चाहिए कि यह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ही थी, जिसने वर्ष 1984 में हिमाचल प्रदेश में हरे वृक्षों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था और प्रदेश में सक्रिय वन माफिया पर शिकंजा कसा था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गत दिनों कांगड़ा में आयोजित विधान सभा सत्र के दौरान सदन में वक्तव्य देकर स्पष्ट किया था कि सरकार वृक्षों के कटान संबंधित मामलों पर सख्ती से निपटेगी और दोषी को बख्शा नही जाएगा। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए भी सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इस अवधि में 6 राज्य मार्गों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग घोषित करने में भी सफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में अधर मंे लटक रही 1365 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना को भी शुरू करने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए भी कारगर कदम उठाए गए। इसके लिए सरकार द्वारा नई खनन नीति बनाई गई है, जिसपर कड़ाई से अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पर्यावरण समितियों का भी पुनर्गठन करने में सफलता प्राप्त की है और खनन विभाग को मज़बूत करने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन विकास को भी बढ़ावा दे रही है और हाल ही में एशियाई विकास बैंक से प्रदेश के लिए 360 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर करवाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में कोरी घोषणाएं की गई है। स्टोक्स, पठानिया तथा अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा द्वारा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की बात करना पूरी तरह हास्यास्पद है तथा भाजपा के दोहरे चेहरे को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार ही थी जिसने अपने कार्यकाल में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद किया और अब वह मण्डी व धर्मशाला में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल खोलने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा अपने कार्यकाल मंे प्रशासनिक ट्रिब्यूनल इसीलिए खोला गया था ताकि कर्मचारियों को कम लागत में त्वरित न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा अपने कार्यकाल में प्रदेश की बहुमूल्य ज़मीन बाहरी लोगों को कौड़ियों के भाव बेची गई और धारा 118, जिसे कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया था, का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार गुण-दोष के आधार पर 118 के तहत अनुमति प्रदान कर रही है तथा इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके। |