बागवानी मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने आज यहां कहा कि
प्रदेश में बागवानी गतिविधियों को वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जा रहा है।
बागवानी मंत्री ने कहा कि पौध संरक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत गत दो वर्षों में
बागवानों को पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। वर्ष 2014-15 में नवम्बर, 2014 तक बागवानों को 14-47 करोड़ रुपये की 336 मिट्रिक टन दवाइयां वितरित की गई हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 में 11-18 करोड़ रुपये की 327 मिट्रिक टन वर्ष 2012-13 में 12-99 करोड़ रुपये की 345 मिट्रिक टन दवाइयां वितरित की हैं। पिछले दो
वर्षों के मुकाबले वर्ष 2013-14 में 15.06 करोड़ रुपये की 425 मिट्रिक टन दवाइयां वितरित की गई। उन्होंने
कहा कि इसके तहत गत चार वर्षों में 15.97 करोड़ रुपये की अनुदान राशि व्यय की गई है तथा
प्रदेश में विभिन्न फलों में लगने वाले रोगों तथा कीटों से पूर्ण रूप से रोकथाम
सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बागवानों को फलदार पौधों में लगने वाले
रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिए पौध संरक्षण कार्यक्रम के माध्यम से तकनीकी सेवा
एवं प्रशिक्षण इत्यादि उपलब्ध करवाया जा रहा है। बागवानी विभाग के 351 केन्द्रों के माध्यम से पौध संरक्षण के लिए
विभिन्न दवाइयां अनुदान पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, वार्षिक छिड़काव सारणियां भी बागवानों को
मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। श्रीमती स्टोक्स ने कहा कि गत दो वर्षों में जिन बागवानों
ने बागीचों में दवाइयों का छिड़काव किया है, उनके बागीचों में कीटों की रोकथाम में सफलता
मिली है। |