रायपुर, छत्तिसगढ सरकार ने अपने पुराने फैसले की प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान की खरीदी को बढ़ाते हुये 15 क्विंटल की जाने की घोषणा आज भाजपा दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद लिया जाना पूरी तरह दुर्भाग्यजनक है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ में अब शासन के निर्णय भाजपा के कुषाभाउ ठाकरे परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में हो रहे है। शासन के फैसले पार्टी कार्यालय से होना यह भी साबित करता है कि भाजपा के पदाधिकारियों को भी यह अहसास हो गया कि हमने विधानसभा चुनाव जो जनता से वादे किये थे और जनमत हासिल किया था उस वादा खिलाफी का दुष्परिणाम अब सामने आने लगा है। साथ ही कांग्रेस पार्टी के आंदोलन के लगातार बढ़ते दबाव के कारण सरकार को यह फैसला लेना पड़ा कि 10 से 15 क्विंटल की धान की खरीदी की जायेगी जो अपर्याप्त है और छत्तीसगढ़ के किसानो के हित और हक में नहीं है। कांग्रेस की मांग शुरू से रही है कि विधानसभा चुनाव में किये गये वायदे के अनुसार ही सरकार एक.एक दाना धान खरीदे। जब तक प्रदेश सरकार इस वादे को पूरा नहीं करेगी और छत्तीसगढ़ के किसानों का एक.एक दाना नहीं खरीदेगी कांग्रेस का आंदोलन चलता रहेगा। 15 क्विंटल धान खरीदने का सरकार का यह फैसला भी अपनी गिरती हुयी साख बचाने के लिये लिया गया। कांग्रेस ने किसानों के हक में हमेषा लड़ाई लड़ी है और लड़ती रहेगी। पहले किसानों की मांगो को पूरा करने के लिये आर्थिक नाकेबंदी कीए धरना प्रदर्शन कियाए पुतला दहन तथा महतारी न्याय यात्रा के माध्यम से जनजागरण चलाया गया और दिसंबर माह में ही 4 बड़े आंदोलन की घोषणा करना सरकार को पूरी तरह से बेनकाब करने के लिये किया गया है। जिसमें 9 दिसंबर को दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास घेराव, 10 दिसंबर को आंदोलन स्थल जंतर मंतर से संसद भवन तक मार्च किया जायेगा। 14 दिसंबर को सभी मंडियों एवं सभी खरीदी केन्द्रो मे कांग्रेस के पदाधिकारी किसानो के साथ किसान सत्याग्रह और 19 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन होगा। इसके बाद भी सरकार ने अपने फैसले नहीं बदले तो कांग्रेस अंतिम सीमा तक लड़ाई लड़ती रहेगी। |