कुश्ती के अपने कुशल दांव पेचों और भिन्न शैली की बदौलत अमेरिका जैसे विकसित देश में बतौर कुश्ती प्रशिक्षक प्रसिद्ध होते जा रहे है इतनी कम उमर में प्रसिद्धी पाने वाले पहले स्प¨र्टस परसन हैं ज्ञात हो कि शर्मा ने सन २००६ में (फिला) सर्टिफाईड कोच की ट्रेनिंग प्राप्त की ! यही वो साल था जब अनिल पहली बार अमेरिका आए थे !अमेरिका देश ही क्यों ? के जवाब में शर्मा ने कहा कि वैसे तो
कुश्ती भारत देश में प्राचीन समय से खेला जा रहा है जिसका वर्णन हमारे वेदए ग्रन्थ
में पड़ने को मिलता है ! और आज आधुनिक दुनिया में
परस्पर सभी देशो के बीच कुश्ती समेत अन्ये खेलो ने प्रतियोगिताओ का बड़ा रूप
ले लिया है मगर बावजूद इसके भारत में खेल व खिलाडी सुविधाओ के आभाव से जूझ रहे है
इसका सीधा प्रभाव उनके प्रदर्शन पर देखा जाता ही है अमरीका, रशिया व ईरान में कुश्ती बहुत ही अच्छे स्तर पर खेली जाती
है ईरान का तो राष्ट्रीय
खेल ही कुश्ती है अमित कुमार, योगेश्वर
व सुशील कुमार बेहतरीन
प्रदर्शन की वजह से खेल जगत में भारत की अच्छी छवि बन गई है भारत में खेलो के प्रति युवाओ की जागरूकता ए
सुविधायें और भागीदारी के बारे में बताया कि यह सच हे कि भारत में क्रिकेट के आगे
बाकी खेल बौने रह जाते हे ए मगर एक बार तो क्रिकेट का धन्येवाद बनता हे क्रिकेट की
आई पी एल की तर्ज पर पिछले दिनों बैडमिंटन,कबड्डी, और फ़ुटबाल लीग का आयोजन किया
गया हेए और अब बारी है चैम्पियन टेनिस लीग की ! युथ ने इन खेलो में काफी दिलचस्पी
दिखाई ! में चाहता हूँ कि कुश्ती खेल में भी ऐसी ही लीग की शरुआत की जाए ! इन लीग
का ये फायदा होता है कि टीमों में देशी के साथ विदेशी खिलाडी भी होते हैं ! ऐसे
में सभी खिलाड़ियों के बीच खेलो की नई-नई टेक्निक्स, अनुभव और मानसिक दबाव से
निपटना और खेल सुविधाओं आदि जैसी बातों का आदान प्रदान भी होता है और वैसे भी १५०
करोड़ लोगो के देश में कब तक दो चार खिलाडियों के ऊपर गोल्ड मेडल लाने की
जिम्मेदारी रहेगी ! इन लीग खेलो से देश में नए और हुनरमंद खिलाडियों की जमात तैयार
होगी ! बशर्ते उन्हें देश में बेहतरीन स्तर की सुविधाएँ भी उपलब्ध होनी चाहिए इसके
आलावा स्कूली स्तर के साथ कड़े सरकारी प्रयास भी होने चाहिए ! अमेरिका में अनिल शर्मा के कोचिंग मित्रो साऊथ जर्सी के कोच जॉनथन जॉनसन और प्रिंसटन हाई स्कुल के रेशान् जॉनसन ने कहा कि अनिल यहां प्रसिद्ध कोच हैं रेशान् ने अनिल के बारे मैं बताते हुए कहा की एक अच्छा कोच होने के लिए इच्छाओ का होना जरुरी है ए जॉनथन जॉनसन ने अनिल की प्रशंसा करते हुए कहा की अनिल कड़ी मेहनत और अपने खेल के प्रति श्रद्धा रखने वाले वयक्ति हैं ! अनिल शर्मा अपनी इन उपलब्धियों की वजह से अमेरिका के अखबारों दा प्रिंसटन पैकेट ,ईविंग ऑब्ज़र्वर की सुर्ख़ियों मैं नज़र आ रहे हैं आज अनिल खेल जगत के दूसरे खिलाडियों के लिए प्रेरणा व बेहतरीन मिसाल बन गए हैं |