राष्ट्रीय (03/12/2014)
भारत की आन्तरिक सुरक्षा - मुख्य चुनौतियां - अशोक कुमार
अशोक कुमार, आई.पी.एस./महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल एवं श्री विपुल बी. द्वारा लिखी गई पुस्तक, भारत की आन्तरिक सुरक्षा - मुख्य चुनौतियां का विमोचन श्री देवेन्द्र कुमार पाठक, आई.पी.एस./महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल द्वारा सीमा सुरक्षा बल के केन्द्रीय कार्यालय परिसर स्थित सभागार नई दिल्ली में किया गया। इस अवसर पर महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल एवं लेखकों के अलावा मैकग्रा हिल एज्यूकेशन इंडिया के मानव संसाधन प्रमुख ईरूम सब्जवारी, डिप्टी जनरल मैनेजर तनमय राय चौधरी, पब्लिसिंग मैनेजर के.एन. प्रकाश, नेशनल सेल्स हैड निज्जू श्रीधरन, मार्केटिंग हैड विकास शर्मा और सीमा सुरक्षा बल के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पुस्तक के हिन्दी संस्करण के साथ - साथ अंग्रेजी में छपी, CHALLENGES
TO INTERNAL SECURITY OF INDIA, पुस्तक के तीसरे रि-प्रिन्ट का भी विमोचन किया गया। पुस्तक का विमोचन करते हुए श्री देवेन्द्र कुमार पाठक, महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल ने कहा कि वर्तमान में आंतरिक सुरक्षा भारत की मुख्य चुनौतियों में से एक है। आंतरिक सुरक्षा की समस्या को केवल कानून एवं व्यवस्था की समस्या नहीं माना जा सकता है। इसको - राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक और अन्य सभी आयामों पर व्यापक रूप से निपटा जाना चाहिए। ये सभी समस्याएं परस्पर जुड़ी हुई हैं। कई बार आवश्यक उपायों से आपसी टकराव पैदा होते हैं। इस और विशेष ध्यान देकर इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। सुरक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति होनी चाहिए परन्तु इसका यह मतलब नहीं कि सुरक्षा एजेंसियों को उनकी मर्जी पर छोड़ दिया जाए। चुनौतियों से प्रभावी ढ़ंग से निपटने के लिए सही संतुलन कायम करना ही कामयाबी का मूल मंत्र है। हमें एक व्यापक सुरक्षा नीति की जरूरत है इसका सभी स्तरों पर प्रभावी ढ़ंग से अनुपालन होना चाहिए। यह पुस्तक न केवल सिविल सेवा में जाने के इच्छुक युवाओं को परीक्षा की तैयारी में सहायक होगी बल्कि सुरक्षा बलों, जो कि निरन्तर इन चुनौतियों से जूझ रहें हैं, के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। महानिदेशक महोदय ने आशा व्यक्त की कि श्री अशोक कुमार भविष्य में भी इसी प्रकार मार्गदर्शन करते रहेंगें। इस अवसर पर इस पुस्तक के लेखक श्री अशोक कुमार ने बताया कि भारत की आंतरिक सुरक्षा की बड़ी गंभीर चुनौतियां हैं और उनसे निपटने के बारे में पुस्तक में विस्तारपूर्वक सुझाव दिए गए हैं। इस पुस्तक में गैर मित्र देशों द्वारा भारत के खिलाफ रची जा रहीं साजिशों के बारे में भी विस्तृत विवरण दिया गया है। लेखक के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के इच्छुक युवकों के लिए यह पुस्तक निश्चित तौर पर बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगी एवं इसके अलावा आम पाठकों में भी इन विषयों के माध्यम से जागरूकता पैदा करेगी। आज, आपदा प्रबन्धन एक समसामायिक विषय है और इसके बारे में हर नागरिक को जानकारी होना जरूरी है। इस पुस्तक की विषय सामग्री के मद्देनजर, सबसे महत्वपूर्ण है कि इन विषयों को स्कूली शिक्षा के पाठ्क्रमों में भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि सभी भारतीय नागरिकों में जागरूकता जगाई जा सके। श्री अशोक कुमार ने विशेषतौर पर बताया कि सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को जो जानकारी घंटों इंटरनेट को प्रयोग कर प्राप्त हो सकती है, वह सब जानकारी इस पुस्तक में निहित है और इससे अवश्य ही उनके कीमती समय की बचत होगी । पुस्तक के विषय में आज आंतरिक सुरक्षा भारत के लिए बड़ी गंभीर समस्या है जिसे केवल कानून एवं व्यवस्था की समस्या नहीं माना जा सकता है। इससे राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर व्यापक रूप से निपटने की आवश्यकता है। जैसा कि इस पुस्तक के विषय, भारत की आंतरिक सुरक्षा - मुख्य चुनौतियां, से स्पष्ट है कि इस पुस्तक में आज के ज्वलंत मुद्दे, जैसे - आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद, उत्तर - पूर्व का विद्रोह, वामपंथी उग्रवाद, साम्प्रदायिक हिंसा, संगठित अपराध, साईबर सुरक्षा के अलावा आपदा प्रबन्धन विषय विशेषतौर पर इस पुस्तक में सम्मिलित कर चुनौतियों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की रूपरेखा के बारे में विस्तृत चित्रण किया गया है। हालांकि इस पुस्तक के विशिष्ट आकर्षण हैं - 12 अध्याय। बाहरी राज्य कर्ता एवं गैर राज्य कर्ताओं की आतंकवाद के प्रसार में भूमिका पर चर्चा। नक्सलवाद की उत्पत्ति एवं प्रसार पर चर्चा। साईबर सुरक्षा एवं संगठित अपराध पर विस्तार पूर्वक विचार-विमर्श। आपदा प्रबन्धन पर विशेष अध्याय। हर अध्याय के बाद संभावित प्रश्नों की सूची। द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की संस्तुतियां भी शामिल। भारत के आंतरिक सुरक्षा के महत्व को समझते हुए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के लिए सुरक्षा एवं आपदा प्रबन्धन (सामान्य अध्ययन पेपर -।।।) एक प्रमुख विषय है। इसकी तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को इंटरनेट पर घंटों व्यतीत करने के बाद ही इन विषयों की जानकारी प्राप्त होती है जबकि इस पुस्तक में इन विषय से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है। अतः यह पुस्तक न केवल उन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी बल्कि आम पाठकों में भी जागरूकता पैदा करेगी। अशोक कुमार का जन्म एवं इनकी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के ग्रामीण परिप्रेक्ष्य में हुई परन्तु स्नातक (B Tech),एवं स्नातकोतर (M Tech) की शिक्षा देश के प्रमुख संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली से पूरी की। ये वर्ष 1989 में भारतीय पुलिस सेवा(IPS) बनें. |