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नई दिल्ली, 18 नवम्बर। भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू से मांग की है कि केन्द्र सरकार अविलम्ब दिल्ली स्पेशल प्रोवीजन सेकेन्ड एक्ट 2011 जो 31 दिसम्बर, 2014 को समाप्त हो रहा है को कम से कम 30 जून, 2017 तक के लिए बढ़ायें और इस कानून की परिधि में दिल्ली में इस बार विस्तार की तिथि तक की सभी कालोनियों और संपत्तियों को शामिल किया जाये। इस संदर्भ में दिल्ली भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री से मिलेगा। श्री उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली में डीडीए और अन्य नगर निकायों की लोगों को आवासीय एवं व्यवसायिक दोनों तरीके की भूमि और कार्यालय इत्यादि उपलब्ध कराने में विफलता के चलते दिल्ली में लोगों ने स्वयं कालोनियों का विकास किया, आवासीय सम्पत्तियों का व्यवसायिक उपयोग होने लगा। पर कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के आदेश के बाद दिल्ली में सम्पत्तियों में तोड़फोड़ और सीलिंग का एक दौर चला जिसके बाद तत्कालीन केन्द्रीय सरकार ने संसद में दिल्ली स्पेशल प्रोवीजन सेकेन्ड एक्ट 2011 लाकर फरवरी, 2007 तक निर्मित सम्पत्तियों को सीलिंग और तोड़फोड़ से छुटकारा तो दिलाया पर लोगों को राहत देने के लिए जरूरी नियमितीकरण नीति आदि बनाने पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इसी तरह विगत 15-16 वर्ष से दिल्ली में कांग्रेस सरकार ने जनता को बार-बार अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण, अन्य अवैध चिन्हित निर्माणों के नियमितीकरण के बहुत से सब्जबाग दिखाये पर सरकारें चली गईं पर नियमिकरण की कोई नीति नहीं बन पाई। साथ ही कांग्रेस सरकारों ने 2007 के बाद न तो अवैध निर्माण को रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनाई न ही दिल्ली को कोई व्यवसायिक या आवासीय भूमि उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया। नतीजा, लोगों को अवैध निर्माण और अनधिकृत विकास का सहारा लेते रहना पड़ा। जरूरी है कि सरकार एक बार इस विषय पर ठोस कार्य करे। प्रदेश अध्यक्ष ने इस संदर्भ में श्री वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली की जनता अपने आवासीय और व्यवसायी सभी निर्माणों के लिए नियमितीकरण शुल्क आदि देना चाहती है पर नीतियों के अभाव में लोग सिर्फ दर-दर भटकने पर मजबूर होते हैं। श्री उपाध्याय ने पत्र में कहा है कि केन्द्र सरकार अविलिम्ब दिल्ली स्पेशल प्रोवीजन सेकेन्ड एक्ट 2011 को जून, 2017 तक के लिए बढ़ायें और इसमें बढ़ाने की तिथि तक निर्मित सभी सम्पत्तियों और अनधिकृत कालोनियों को शामिल कर लोगों को राहत दें। 2017 तक की अवधि में पहले एक वर्ष में सभी सरकारी विभाग समन्वय से सम्पत्तियों एंव अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण के कानून बनायें और फिर 18 महीने का समय दिल्ली की जनता को नियमितहकरण करवाने के लिए दिया जाये। |