राष्ट्रीय (06/11/2014) 
सरकार आयुर्वेदिक दवाओं के उत्‍पादन में मानकीकरण पर विशेष जोर - डॉ. हर्षवर्धन
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां घोषणा की कि सरकार परंपरागत दवाओं के लिए जल्‍द ही अलग से एक केंद्रीय दवा नियंत्रक का गठन करेगी। इसका उद्देश्‍य उत्‍पादन के मानकों में गुणवत्‍ता सुनिश्‍चित करना है।

डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां मंत्रालय के आयुष विभाग द्वारा आयोजित प्रथम 'आरोग्‍य एक्‍सपो' का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह अफसोस की बात है कि परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में भारत को जो अनुभव एवं ताकत हासिल है, वह वैश्‍विक परंपरागत दवा बाजार में भारत की बाजार हिस्‍सेदारी में तब्‍दील नहीं हो पाई है। यह एक्‍सपो विश्‍व आयुर्वेद कांग्रेस का ही एक हिस्‍सा है।

उन्‍होंने कहा, 'चाहे इसे आयुर्वेदिक दवाएं या हर्बल दवाएं अथवा परंपरागत दवाएं कहें, इसका वैश्‍विक बाजार मौजूदा समय में तकरीबन 100 अरब डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्‍सेदारी मामूली है क्‍योंकि गुणवत्‍ता मानकों को अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर के अनुरूप बरकरार नहीं रखा जा सका है। सरकार ने इस कमी को दूर करने का निर्णय लिया है।'

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि नियामक प्राधिकरण को संस्‍थागत रूप देने के साथ-साथ केंद्रीय व राज्‍य स्‍तरीय प्रयोगशालाओं का सहयोग मिलने से स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा की मुख्‍य धारा में परंपरागत एवं स्‍वदेशी दवाओं को गौरवमयी स्‍थान सुनिश्‍चित होगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद के लिए उनका सम्‍मान भावनाओं के चलते नहीं, बल्‍कि वैज्ञानिक समझ के कारण उमड़ा है। उन्‍होंने कहा, 'आज के युग में दवा की कोई भी एकल धारा सर्वेसर्वा नहीं है। यह समग्र दवाओं का युग है और मैं इसमें भारत को बढ़त सुनिश्‍चित करने की कामना करता हूं।' डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हम आयुर्वेद के जरिए ब्रांड इंडिया को विकसित करने के प्रति कटिबद्ध हैं।

उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय आयुष मिशन के शुभारंभ के साथ ही सरकार देश में तैयार की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं का ब्रांड मूल्‍य बनाने पर अपना ध्‍यान केंद्रित करेगी।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि आयुष को संरक्षण एवं बढ़ावा देने के लिए नये सिरे से जो प्रयास किए जा रहे हैं उससे परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में बूम आने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस मिशन पर विशेष जोर देते रहे हैं। इस क्षेत्र में विस्‍तार की जो भरपूर गुंजाइश नजर आ रही है उससे रोजगार सृजन की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

सरकार द्वारा आयोजित प्रथम आरोग्‍य एक्‍सपो का ऐसे सर्वाधिक बड़े औद्योगिक मेले में तब्‍दील होना तय है जिसमें आयुष क्षेत्र के पक्ष भी शामिल हैं। विश्‍व भर के व्‍यापार संगठनों द्वारा इसमें भाग लिए जाने की आशा है।
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