राष्ट्रीय (02/11/2014) 
ऑनलाइन रिटेल कम्पनियों और संगठित रिटेल कम्पनियों से ऑनलाइन व्यापार पर कैट करेगा मीटिंग

ऑनलाइन रिटेल व्यापार सभी वर्गों के लिए एक लाभप्रद व्यापारिक फॉर्मेट हो जिसमें किसी भी प्रकार की अनुचित और अस्वस्थ एवं प्रभुत्व जमाने की कोई नीतिन हो, के मुद्दे पर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी 5 नवम्बर को नई दिल्ली में एक मीटिंग आयोजित की है जिसमें मोबाइल, कंज्यूमरइलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर्स,फैशन वियर, फुटवियर, कास्मेटिक, ऍफ़ एम सी जी प्रोडक्ट्स से सम्बंधित कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारीयों को आमंत्रित किया गया है!

मीटिंग में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के संगठन कंस्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैकचरर्स एसोसिएशन एवं मोबाइल सेक्टर के संगठन इंडियन सेलुलर एसोसिएशनको भी आमंत्रित किया गया है वहीँ दूसरी ओर आल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, कंप्यूटर डीलर्स एसोसिएशन एवं आल इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशनके प्रतिनिधि भी मीटिंग में शामिल होंगे !

मीटिंग में मुख्य रूप से ऑनलाइन रिटेल व्यापार के लिए नियम,कायदे एवं कानून बनाये जाने पर सहमति बनाने की कोशिश होगी ! कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीबी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा की जब अर्थव्यवस्था के अन्य सेक्टर जिसमें प्रमुख रूप से इंडस्ट्री, स्माल इंडस्ट्री, ट्रेडर,किसान, हॉकर्स आदि के लिए नियम और कानून हैं तो ऑनलाइन रिटेल व्यापार के लिए भी स्थापित नियम,कायदे एवं कानून एवं सरकार की निगरानी आवश्यकहै !    

दोनों व्यापारी नेताओं ने स्पष्ट करते हुए कहा की वे ऑनलाइन रिटेल व्यापार अथवा किसी ऑनलाइन रिटेल कम्पनी के खिलाफ कतई नहीं हैं और इसीलिएहमने तय किया है की इस सम्बन्ध में ऑनलाइन रिटेल से सम्बंधित सभी पक्षों से बातचीत की जाए ! 5 नवम्बर को कम्पनियों के साथ होने वाली मीटिंग के बादहम ऑनलाइन रिटेल कम्पनियों और संगठित रिटेल कम्पनियों के साथ-साथ उपभोक्ता संगठनों और रिटेल विशेषज्ञों के साथ भी इस मुद्दे पर मीटिंग करेंगे !

श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने यह भी कहा की ऑनलाइन रिटेल एक उभरता हुआ व्यापार है जिसमें बहुत संभावनाएं है और इसीलिए इस व्यापार परसरकार को तुरंत नियम और कायदों के अंतर्गत लाना चाहिए जिससे इस व्यापार पर किसी का भी आधिपत्य न हो सके ख़ास तौर पर जो कंपनियां भारत के रिटेलव्यापार में ऍफ़ डी आई के माध्यम से प्रवेश कर पाने में असफल हुई हैं ऐसी कंपनियां ई रिटेल के माध्यम से भारतीय रिटेल व्यापार में पिछले दरवाजे से प्रवेश नकर पाएं ! ऑफलाइन व्यापारी भी ऑनलाइन

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