राष्ट्रीय (01/11/2014) 
मरीज के तीमारदारों ने की मारपीट,विरोध में हड़ताल
नई दिल्ली। पंडित मदनमोहन मालवीय अस्पताल में मरीज के तीमारदार और अस्पताल कर्मियों के बीच हुए झगडे की वजह से  अस्पताल के सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। मरीज की डेंगू की वजह से शुक्रवार की रात मौत हो गयी थी। जिस बात पर गुस्साए उसके परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगते हुए कर्मचारी और डॉक्टरों के साथ मारपीट की थी। हड़ताल  के दौरान अस्पताल के गेट बंद कर दिए गए और मरीजों को अंदर नहीं आने दिया गया। ओपीडी पर जो मरीज पहले पहुंच चुके थे उन्हें भी बाहर कर दिया गया। इससे मरीजों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। हड़ताल की वजह से मरीजों  को परेशानी का सामना करना पड़ा। 
  
      
- बच्चे का पोस्टमार्टम एम्स में होगा 
- अस्पताल प्रशासन का आरोप है पुलिस के सामने हुई मारपीट
       पंडित मदनमोहन मालवीय अस्पताल में डेंगू से बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद अस्पताल के सभी स्टाफ हड़ताल पर चले गए हैं। अस्पताल स्टाफ का आरोप है कि परिजनों ने खिड़कियों व दरवाजों के शीशे तोड़ दिए और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों एवं नर्सो की पिटाई की। वहीं, मृतक के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव एम्स भिजवा दिया है। साथ ही अस्पताल में पुलिस को तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि फतेहपुरबेरी के रहने वाले लैविश (12) को शुक्रवार सुबह पौने 11 बजे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। वह डेंगू पॉजिटिव था। उसे अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। देर रात करीब दो बजे उसने पेट में दर्द की शिकायत की। इस पर डॉक्टरों ने उसकी जांच करने के बाद दवा दी और आइसीयू में भेज दिया। सुबह साढ़े चार बजे उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद 10-15 तीमारदारों ने सुबह पांच बजे आपातकालीन व आइसीयू में तैनात डॉक्टरों व नर्सो से मारपीट की। इसमें डॉ. आमिर, डॉ. वेणु, डॉ. करुण, नर्स ज्योति व नर्सिग ऑर्डरली (एनओ) वर्षा को गंभीर चोटें आई हैं। स्टाफ ने फोन कर पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद मालवीय नगर थाने से कुछ पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। इस दौरान परिजनों ने फोन कर अपने 20-25 और साथियों को बुला लिया। स्टाफ का आरोप है कि 30-40 की संख्या में लोगों ने सुबह सात बजे फिर डॉक्टरों की पिटाई की और अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की। खिड़कियों व दरवाजों के शीशे तोड़ दिए और कागज फाड़ दिए। सुबह करीब आठ बजे तक हंगामा चलता रहा। स्टाफ का आरोप है कि इस दौरान मौजूद पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे। बाद में और पुलिसकर्मी बुलाए गए। सभी घायलों को एम्स में भर्ती करवाया गया है। वहीं, मृतक के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने लैविश को भर्ती करने से लेकर इलाज तक में लापरवाही बरती। उन्होंने बताया कि वे मरीज को लाने के बाद ही उसे आइसीयू में भर्ती करने की मांग कर रहे थे लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी। मरीज की मौत हो गई तो अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए उसे आइसीयू में भर्ती किया गया। परिजनों का यह भी आरोप है कि मौत के काफी देर बाद उन्हें इसकी जानकारी दी गई।
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