राष्ट्रीय (31/10/2014) 
निठारी कांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली की फांसी पर लगाई रोक
इलाहाबाद. चर्चित निठारी कांड में फांसी की सजा पाए सुरेंद्र कोली की दया याचिका खारिज किए जाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। यह याचिका पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की तरफ से दायर की गई थी। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकि‍न हाईकोर्ट ने फि‍लहाल अगले आदेश तक कोली की फांसी पर रोक लगा दी है।

फांसी दिए जाने में देरी के आधार पर कोर्ट ने सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगाई है। 
 
वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सुरेंद्र कोली के भाई चंदन राम ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने dainikbhaskar.com से फोन पर बातचीत में कहा कि उन्हें कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। वह आखिरी समय तक सुरेंद्र कोली के लड़ाई जारी रखेंगे। बताते चलें कि‍ सुरेंद्र कोली को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से चर्चित निठारी कांड में फांसी की सजा दी गई है।
 
बतातें चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड में सजा-ए-मौत पा चुके सुरेंद्र कोली की पुनर्विचार याचिका बीते मंगलवार को खारिज कर दी थी। इसके बाद कोली की फांसी लगना लगभग तय माना जा रहा था। इससे पहले कोली को पहले 7-12 सितंबर के बीच फांसी पर लटकाया जाना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर की आधी रात एक आदेश जारी कर उसकी मौत पर रोक लगा दी थी।
 
इसके बाद पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। उस पर सुनवाई के लिए 28 अक्‍टूबर का वक्‍त तय किया गया था और 29 अक्‍टूबर तक के लिए फांसी पर रोक लगाई गई थी। बाद में उसकी दया याचिका खारिज कर दी गई थी। वहीं, सीबीआई उसके खि‍लाफ 16 मामलों में आरोप पत्र दाखि‍ल कर चुकी है, जि‍समें उसने बच्‍चों का कथि‍त यौन शोषण और फि‍र हत्‍या कर दी थी। यह मामला दि‍संबर 2006 में उस समय सामने आया जब एक लापता लड़की के बारे में पता चला कि‍ उसकी हत्‍या कोली ने की थी।

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