राष्ट्रीय (31/10/2014) 
वो जब बोले तो खूब बोले...
नई दिल्ली। एक विज्ञापन काफी चला जिसकी कैचलाइन थी 'क्या खूब जमेगी जब मिल बैठेंगे तीन यारÓ। यह कैचलाइन बुधवार को उस राष्टï्रीय सम्मान समारोह में चरितार्थ हुई जिसमें अल्पसंख्यक उच्च शिक्षण संस्थान आयोग के चेयरमैन जस्टिस एमएसए सिद्दीकी को सम्मानित किया जा रहा था। जस्टिस सिद्दीकी के साथ-साथ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुलायम सिंह यादव और यूपी के काबीना मंत्री और कार्यक्रम के अध्यक्ष मोहम्मद आजम खान भावुक हो उठे। तीनों ने अपने दिल की बात खुल कर रखी और कई ऐसे राज भी खोले जो अभी तक दबे हुए थे।

जस्टिस सिद्दीकी ने अल्पसंख्यकों को हिंदू-मुुस्लिम एकता बनाए रखने और कौम की तरक्की के निरंतर प्रयास करने की नसीहत दी। उन्होंने इस कार्यकाल के दौरान सरकारी उत्पीडऩ पर पहली बार जुबान खोली। मोहम्मद जौहर अली यूनिवर्सिटी पर तत्कालीन राज्यपाल की अभद्र टिप्पणियों ने पहली बार उजागर किया। इस माहौल में सपा मुखिया भी भावुक हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने देश की आजादी में मुस्लिमों की कुर्बानी को याद करते हुए दंगा कराने वालों को लताड़ लगाई। उन्होंने मस्जिदों को आतंकी बताने वाले पहले अपने गिरेबां में झांके और वे उनकी शहादत को भी न भूले। उन्होंने वीर अब्दुल हमीद की शहादत और मिसाइल मैन पूर्व राष्टï्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका को याद रखने की नसीहत दी।
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