राष्ट्रीय (31/10/2014) 
इंदिरा की शहादत भूली सरकार!
नई दिल्ली। कांग्रेस बनाम बीजेपी की लड़ाई अब सरकार पटेल बनाम इंदिरा गांधी की बन गई है। एक देश की पूर्व प्रधानमंत्री, एक देश के पूर्व गृहमंत्री। एक ने देश पर 15 साल तक राज किया, दूसरे ने देश को एक सूत्र में पिरोया।


दोनों ही नेताओं को ये देश 31 अक्टूबर को हमेशा याद करता है। एक को इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री रहते उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने उनके ही घर में उनकी हत्या कर दी थी। और एक को इसलिए क्योंकि 31 अक्टूबर को उनका जन्मदिन होता है। लेकिन इस बार कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को याद करने का तरीका बदल गया है।
मोदी सरकार 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मना रही है। ऐसे में बीजेपी सरकार पर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरदार पटेल के मोह में सरकार इंदिरा गांधी की शहादत को भूल रही है। पार्टी ने कहा है कि देश के बड़े नेताओं का पार्टी से उठकर सम्मान होना चाहिए। हालांकि बीजेपी कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज कर रही है। बीजेपी ने कहा है कि सरकार पटे ने देश को एक सूत्र में पिरोकर एकता का संदेश दिया था और अब मोदी सरकार उनके विजन को ही आगे बढ़ा रही है।
बयानों से अलग राष्ट्रीय एकता दिवस में बहुत से संदेश भी छिपे हैं। बीजेपी की सोच है कि कांग्रेस के शासन के दौरान देश के दूसरे महापुरुषों को नजरअंदाज कर नेहरू-गांधी परिवार पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दिया गया। सरदार पटेल के जन्मदिन पर राष्ट्रीय पर्व मनाकर पार्टी ये भी संदेश दे रही है कि पटेल ने देश को एक किया जबकि कांग्रेस देश को बांटती रही।
हाल ही में प्रवक्ता पद से हटाए गए शशि थरूर ने कहा कि इंदिरा की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने मोदी सरकार को ये भी हिदायत दी कि उसे ये याद रखना चाहिए कि इंदिरा गांधी की मौत किन हालात में हुई। 


Copyright @ 2019.