राष्ट्रीय (30/10/2014) 
बेंगलूरु में आयोजित होगा इंजीनियर्स कॉन्क्लेव 2014
भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी (आईएनएई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बेंगलूरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के जेएन टाटा ऑडिटोरियम में 30 अक्टूबर, 2014 से 01 नवंबर, 2014 के बीच एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसका नाम है “इंजीनियर्स कॉन्क्लेव - 2014” (ईसी-2014)। इस कार्य्रकम के आयोजन का मकसद देश भर के इंजीनियरों/वैज्ञानिकों जैसे पेशेवर लोगों को एक मंच पर लाकर समाज व देश के समक्ष इंजीनियरिंग क्षेत्र की बड़ी चुनौतियों को साझा करना और उनके लिए उपयुक्त हल का सुझाव देना है।

इसरो के चेयरमैन/अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. के. राधाकृष्णन “इंजीनियर्स कॉन्क्लेव - 2014” के अध्यक्ष और आईएनएई के अध्यक्ष, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के निदेशक डॉ. बलदेव राज सह-अध्यक्ष होंगे।

“इंजीनियर्स कॉन्क्लेव - 2014” का उद्घाटन पीआरएल काउंसिल के अध्यक्ष और इसरो/अंतरिक्ष आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर यू. आर. राव द्वारा किया जाएगा।

यह सम्मेलन मुख्यतया दो विषयों पर होगा - इमर्जिंग स्पेस एप्लीकेशंस और पहाड़ी इलाकों में टेक्नोलॉजी। ढाई दिन के इस सम्मेलन में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।

“इमर्जिंग स्पेस एप्लीकेशंस” विषय के तकनीकी सत्र में इसरो समेत विभिन्न संगठनों से आमंत्रित किए गए विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। इस चर्चा में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा होगी-

1. ऊर्जा और बुनियादी ढांचा

2. मौसम और जलवायु

3. प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी, प्रबंधन और ई-गवर्नेंस

4. पूर्व चेतावनी प्रणाली

5. कम्युनिकेशन एंड नेविगेशन

“इमर्जिंग स्पेस एप्लीकेशंस” विषय के तकनीकी सत्र में इसरो समेत विभिन्न संगठनों से आमंत्रित किए गए 16 विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। इस चर्चा में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा होगी-

1. पहाड़ी इलाकों में मौसम

2. गुरुत्वाकर्षण का प्रवाह और उससे जुड़े खतरे

3. पहाड़ी इलाकों की कठिन परिस्थितियों के लिए संचार

4. हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप और हिमस्खलन का खतरा

5. पहाड़ी इलाकों में बर्फ से ढक जाना, जल प्रबंधन और ऊर्जा

सम्मलेन के अंतिम और विदाई सत्र की अध्यक्षता कर्नाटक सरकार के ज्ञान आयोग के अध्यक्ष और इसरो/अंतरिक्ष आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. कस्तूरीरंगन करेंगे। “इंजीनियर्स कॉन्क्लेव - 2014” से प्राप्त निष्कर्षों को देश के संबंधित संगठनों की सिफारिशों में शामिल किया जाएगा।

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