राष्ट्रीय (29/10/2014) 
छठ पूजा LIVE: अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्ध्य, घाटों पर जुटी भारी भीड़
गोरखपुर/वाराणसी. छठ महापर्व यूपी में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यूपी के सभी जिलों में इसे लेकर काफी उत्साह है। बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देने के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे हैं। व्रती महिलाएं आज शाम 5:35 अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान भक्तों ने छठ मईया के गीत गाए।

बच्चों ने पटाखे छुड़ाए और घाटों पर दीप भी जलाए गए। वहीं, घाटों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
 
गोरखपुर में स्थानीय प्रशासन ने छठ के लिए खास बंदोबस्त किए गए। सूरजकुंड घाट हो या फिर राजघाट के तकियाघाट से हनुमान गढ़ी और दोमिन्गढ़ तक नदी के घाटों पर दो लाख से ज्यादा की भीड़ है। महिलाएं अर्ध्य देने के साथ गीत भी गा रही हैं। इन घाटों पर करीब 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे हैं।  
 
वाराणसी में भी छठ पूजा की धूम है। वाराणसी के घाटों पर भी शाम पांच बजे अस्ताचलगामी सूर्य को भक्तों ने अर्ध्य दिया। इस दौरान घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ रही। केदारघाट पर अलवर के सांसद चंद्रनाथ भी छठ पूजा के लिए पहुंचे। घाटों पर सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए गए थे। घाटों पर पुलिसकर्मी के लिए अलावा एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद थी। 
 
अर्घ्य देने के लिए फलों को सूप या डलिया में 6, 12 या 24 की संख्या में सजाया गया। इसमें संतरा, अन्नास, गन्ना, सुथनी, केला, अमरूद, शरीफा, नारियल, साठी के चावल का चिउड़ा, ठेकुआ आदि शामिल किया गया।  शाम दूध, शहद, तिल और अन्य द्रव्य से डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसके बाद सुशोभिता की पूजा हुई। 
 
सोमवार को नहाए-खाए के साथ छठ पूजा की शुरुआत हुई। इसके तहत व्रती महिलाओं ने नहाने के बाद चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन किया। मंगलवार को खरना था। इसमें उन्होंने साठी के चावल, गुड़ और गाय के दूध से बने खीर का सेवन किया। इसके बाद निर्जल व्रत की शुरुआत हुई। व्रती महिलाओं ने नदी या तालाब किनारे मिट्टी से सुशोभिता बनाई है

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