राष्ट्रीय (29/10/2014)
SC ने पूछा, बिना जरूरी नंबर के भाजपा कैसे दिल्ली में सरकार बना सकती है?
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली में सरकार गठन को लेकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार गठन के संबंध में फैसला लेने में देरी के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल की खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में ,राष्ट्रपति शासन हमेशा नहीं रह सकता। ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहले यह सब क्यों नहीं हुआ। दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आआप’ द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई है। प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर दिल्ली में चुनाव नहीं करवाना चाहती है। वह राष्ट्रपति शासन की आड़ में दिल्ली पर अप्रत्यक्ष रूप से शासन करने की मंशा रखती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उप राज्यपाल को सरकार गठन के संबंध में जल्द फैसला लेना चाहिए था और इसमें पांच महीने का समय नहीं लगना चाहिए था। केंद्र के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ज नहीं आएगा। केंद्र ने दिल्ली में एक साल तक के राष्ट्रपति शासन पर सुप्रीम कोर्ट की दखल को गैरजरूरी बताया है। गौरतलब है कि दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इजाजत मांगी थी। राष्ट्रपति की तरफ से उप राज्यपाल को हरी झंडी दे दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में सरकार बनाने का न्योता बीजेपी को देने पर सहमति जताने की बात सामने आई थी। |
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