राष्ट्रीय (29/10/2014) 
जस्टिस सुहैल एजाज सिद्दीकी को 'कौमी सितारा-ए- हिंद एवार्ड
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज सुहैल सिद्दीकी  कौमी कमिशन बराए अकलियती तालीमी इदराजात (अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थान राष्टïरीय कमिशन) के चेयरमैन के नाते अल्पसंख्यकों के लिए उत्कृष्ठ कार्य करने पर उन्हें कौमी सितारा हिंद एवार्ड के लिए चुना गया है। कल लोधी रोड स्थित इस्लामिक कल्चरल सेंटर में मोहम्मद आजम खान की मौजूदगी में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव उन्हें इस खिताब से नवाजेंगे।

देश के आठ महत्वपूर्ण विश्वविद्यलयों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिलवाने में जस्टिस सुहैल एजाज सिद्दीकी ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली, मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी रामपुर, उत्तर प्रदेश, अलफलाह यूनिवर्सिटी फरीदाबाद, हरियाणा, बूनी अबा यूनिवर्सिटी मंगलूर, बीएस अब्दुर्रहमान यूनिवर्सिटी चेन्नई, क्रिश यूनिवर्सिटी बेंगलुरु, समनदीप विद्यापीठ यूनिवर्सिटी बड़ौदा, गुजरात जैसे नामी गिरामी विश्वविद्यालयों को उन्होंने अल्पसंख्यक का दर्जा दिया।
इसके अलावा श्री सिद्दीकी ने 10 हजार से अधिक शिक्षण संस्थाओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया। अल्पसंख्यकों के द्वारा संविधान की धारा 30 (1) में दिए गए बुनियादी हकों की अनदेखी करने पर 21 हजार मुकदमे दायर किए गए जिसमें उन्होंने 19 हजार मुकदमों पर फैसला सुनाया। कश्मीरी विद्यार्थियों को मुख्य धारा से जोडऩे के लिए केंद्र सरकार से स्पेशल स्कॉलरशिप जारी करवाई। उन्होंने असम के कोकराझाम में सांप्रदायिक दंगों में बेसहारा हुए बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए तमाम साधन मुुहैया कराए। मुजफ्फर नगर में भी दंगे में हुए बेसहारा बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा का इंतजाम किया।
जस्टिस सुहैल एजाज सिद्दीकी ने मुर्शीदाबाद में 300 लोगों को तैयार कर 300 प्राथमिक स्कूल तथा दो इंटर कॉलेज खुलवाए। पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर उन्होंने 10 हजार मदरसों की मंजूरी दिलवाई। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए उन्होंने सरकार से मिलकर आठ फीसदी आरक्षण दिलवाने में सफलता हासिल की। वहीं जिन-जिन स्थानों पर उर्दू बोली जाती थी वहां-वहां उन्होंने उर्दू को दूसरी सरकारी जुबान का दर्जा दिलवाया।
बिहार में उन्होंने 2600 उर्दू शिक्षकों को स्थायी नौकरी दिलवाई। जस्टिस सिद्दीकी ने केंद्र सरकार से केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित करने की सिफारिश की है। उन्होंने शिक्षा में बराबरी को बढ़ावा देने के लिए गठित कमिटी की रिपोर्ट 2012 में केंद्र सरकार को सौंप दी है। अब नई सरकार से रिपोर्ट को अमली जामा पहनाने की उम्मीद है। उनकी कोशिशों का नतीजा यह रहा कि 2008-9 के एक सर्वे में यह बात सामने आई कि देश में एक करोड़ 4 लाख 75 हजार मुस्लिम लड़कियों ने स्कूलों में दाखिला लिया।
अल्पसंख्यकों में शिक्षा के लिए जागरूकता लाने तथा उनकी हिफाजत के लिए महत्वपूर्ण किरदारों को देखते हुए जस्टिस सुहैल एजाज सिद्दीकी को माइनरिटी एसोसिएशन ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस ने उन्हें कौमी सितारा-ए- हिंद एवार्ड से नवाजने का फैसला लिया है। यह सम्मान समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के हाथों 29 अक्टूबर को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक समारोह के दौरान दिया जाएगा। 
 

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