राष्ट्रीय (29/10/2014)
बहुमंजिला इमारतों को मिली थी हरी झंडी
नोएडा। जिले में विभिन्न गांवों में बन रही
आलीशान इमारतों के नक्शे पास करने को लेकर अब प्राधिकरण और जिला पंचायत के
बीच खींचतान में प्राधिकरण विजयी की ओर है। प्राधिकरण को लाल डोरे पर बन
रहे फ्लैट व कामर्शियल मार्केट और मॉल के नक्शे पास करने की शक्ति मिल गई
है।
ऐसे
में सवाल उठने लगे हैं कि अब तक जो जिला पंचायत की ओर से नक्शे पास किए गए
हैं उनका क्या होगा। उनकी वैधानिकता की जांच की जा रही है। कावेरी बिल्डर
द्वारा नक्शा पास करा कर बहुमंजिला इमारत बनाने पर यह मामला गरमाया था।
प्राधिकरण ने इमारतों को सील कर दिया और अब मामला कोर्ट में है। कावेरी
जैसे मामलों की नोएडा में कमी नहीं है। गांव सर्फाबाद, बरोला, हाजीपुर,
आगापुर, नयाबांस, निठारी आदि में बनी बहुमंजिला इमारत के नक्शे भी जिला
पंचायत से ही पास कराए गए थे। नक्शा पास कराने का सबसे बड़ा कारण था कि
बैंकों से ऋण लिया जाए। बैंक तभी ऋण देंगे जब इमारत का नक्शा पास होगा। ऐसे
में अब जिला पंचायत से हरी झंडी मिलने वाली इमारतें जांच के घेरे में आ गई
है। हालांकि जानकारों का कहना है कि गांवों में बनने वाली इमारतों के
नक्शे पास करना जिला पंचायत का ही काम है। इंजीनियर ने एक के बाद एक किए थे नक्शे पास जिला
पंचायत विभाग के इंजीनियर ने जिला पंचायत अधिकारी के न होने का पूरा फायदा
उठाया और एक के बाद एक नक्शे पास किए। कभी इंजीनियर ने इस विवादित मामले
में ये नहीं सोचा कि उन्हें इस मामले में कितनी शक्ति प्राप्त है। बताया
जाता है कि लाल डोरे पर बन रही फ्लैटों को नक्शा पास करने के बाद ही
बैंकों से ऋण मिलता था जिस कारण बिल्डरों की नक्शा पास कराना मजबूरी बन
जाती थी। विवादित मामला होने के कारण नहीं किया नक्शा पास : सीपी सिंह राघव अपर
जिला पंचायत अधिकारी सीपी सिंह राघव ने कहा कि जब से उन्होंने चार्ज
संभाला है, उसके बाद से अब तक कोई नक्शा पास नहीं किया। मामला विवादित होने
के कारण उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र का भी प्रयोग नहीं किया। उन्होंने कहा
कि नियमों के मुताबिक गांवों में इमारतों के नक्शे पास करने की शक्ति जिला
पंचायत विभाग के पास है।
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