दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग द्वारा दिवाली के दौरान एंटी क्रेकर अभियान शुरू किया और लोगों को बिना आतिशबाजी के दिवाली मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. यह जानकारी दिल्ली सरकार के पर्यावरण सचिव श्री संजीव कुमार ने राजधानी में दिवाली के दौरान ध्वनि एवं वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए विभाग द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक के उपरांत दी. पटाखे और अन्य आतिशबाजी का उपयोग कम से कम करने के साथ वायु व ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने दिवाली के दौरान एंटी फायर क्रैकर अभियान चलाने का फैसला किया है. इसके अलावा वायु व ध्वनि प्रदूषण की निगरानी के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग लिया जायेगा. दिल्ली सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप विगत वर्षों में राजधानीवासियों के एक बड़े वर्ग द्वारा पटाखों एवं आतिशबाजी रोकने में सहयोगात्मक रवैया रहा है और वायु व ध्वनि प्रदुषण के स्तर में कमी देखा गया है. प्रदूषण मुक्त दीवाली के जश्न को सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा निम्न उपायों की सिफारिश की गई है: - 1. पटाखों/आतिशबाजी सामग्री की बिक्री बिना लाइसेंस के प्रतिबंधित हो. 2. भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश प्रदूषण व रोकथाम के बारे में 2005 की सिविल अपील संख्या 3735 का कड़ाई से होगा अनुपालन, राजधानी में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के मध्य पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध. 3. आतिशबाजी सामग्री/विस्फोटक के निर्माताओं द्वारा के विस्फोटक नियम 2008 का क्रियान्वयन. आगामी दिवाली त्योहार के दौरान पटाखों/आतिशबाजी कम करने एवं वायु और ध्वनि प्रदूषण कम हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए आगामी 13 ऑक्टूबर को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी है, जिसमे यातायात पुलिस, उपायुक्त (राजस्व), सभी एस.डी.एम और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारी भाग लेंगे.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डी पी सी सी) द्वारा बाजार में उपलब्ध पटाखा का परीक्षण जा रहा है. पटाखे के शोर के स्तर के परीक्षण के लिए नमूने निर्धारित मानकों (125db (एआई) या 145db (सी) के होनी चाहिए. विस्फोटक नियम, 2008 के तहत बॉक्स पर रासायनिक सामग्री एवं ध्वनि स्तर की जानकारी होना आवश्यक है, नियमानुसार पटाखों के हर पैक पर रासायनिक सामग्री एवं ध्वनि स्तर की सम्यक जानकारी होनी आवश्यक है. |