राष्ट्रीय (10/10/2014)
गांवों के नक्शे पर भी लगेगी प्राधिकरण की मुहर
नोएडा। जिला पंचायत और प्राधिकरण के
अधिकारों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लंबे अरसे से गांवों
के नक्शे पास करने को लेकर चली आ रही वैधानिक जिम्मेदारी अब प्राधिकरण को
मिल गई है। हालांकि जिला पंचायत को फिलहाल इस बारे में कोई पत्र नहीं मिला
है। अब गांव में होने वाले निर्माण का नक्शा प्राधिकरण ही पास करेगा। यह अधिकार पहले जिला पंचायत के पास था, लेकिन औद्योगिक एक्ट लागू होने के कारण गौतमबुद्ध में यह अधिकार प्राधिकरण को दे दिया गया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर दो व तीन के आवंटियों को प्राधिकरण ने दिवाली का तोहफा देने की तैयारी कर ली है। इन सेक्टरों में व्यक्तिगत भूखंड व मकान योजना के छह हजार आवंटी हैं। बृहस्पतिवार को चेयरमैन व सीईओ रमा रमण ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि दोनों सेक्टरों में अभियान चलाकर अवरोध को दूर किया जाए। जहां-जहां अवैध रूप से प्राधिकरण की जमीन पर लोग अंडग़ा लगा रहे हैं, वहां कार्रवाई कर विकास कार्यो को पूरा कराया जाए। प्राधिकरण अभी तक कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के चलते कार्रवाई करने से हिचकिचा रहा था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्राधिकरण अधिकारियों को राहत दे दी। साथ ही याचिका दायर करने वाले ब्रह्मपाल की जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए। यानी अन्य किसानों की जमीन पर कोर्ट ने कोई स्टे नहीं दिया। प्राधिकरण बाकी किसानों की जमीन पर विकास कार्य करा सकता है। सेक्टर दो व तीन पतवाड़ी, बिसरख और खैरपुर गुर्जर गांव की जमीन पर बसाए गए हैं। खैरपुर गांव में कोई विवाद नहीं है, लेकिन पतवाड़ी गांव में पेंच फंसा हुआ था। भूखंड और मकानों का आवंटन 2008-09 में किया गया था। आवंटियों को 2013 तक कब्जा दिया जाना था। प्राधिकरण ने इन आवंटियों को अब दिवाली तक कब्जा देने का मन बना लिया है। दोनों सेक्टरों के आवंटियों को दिवाली तक भूखंडों पर कब्जा देने के निर्देश संबंधित विभागों को दे दिए गए हैं। प्राधिकरण की कोशिश है कि दिवाली तक आवंटियों को भूखंड और मकानों पर कब्जा मिल जाए। पंचायती राज सचिव ने जो पत्र प्राधिकरण को भेजा है। उसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि जो शहर जेड जोन में आते है। वहां के गांवों में होने वाले निर्माण के नक्शे पास करने का अधिकार भी प्राधिकरण के पास होगा। |
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