राष्ट्रीय (08/10/2014)
किसानों का हित सर्वोपरि-भाजपा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों की खुशहाली, पार्टी का मुख्य ध्येय रहा है। पार्टी की विचारधारा में गांव-गरीब और किसानों की खुशहाली प्रमुख स्थान रखता है। यहीं कारण है कि सत्ता में आने के बाद से भाजपा ने किसानों को वो तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया है, जिससे किसानों का जीवन स्तर ऊपर उठ सके। कृषि ब्याज दर 16 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया है। सिंचाई की समुचित व्यवस्थाएं करायी। बिजली आपूर्ति की निरंतरता के साथ न्यूनतम भुगतान पर सुविधा प्रदान की है। धान खरीदी की समुचित व्यवस्था की गई। अब यदि व्यवस्थागत कारणों से भाजपा की रमन सरकार ने धान खरीदी की सीमा 10 क्विंटल प्रति एकड़ रखी है तो इसका अभिप्राय यह नहीं है कि सरकार किसानों को औने-पौने दामों पर धान बेचने के लिए छोड़ देगी। इस आशय के बयान में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र सवन्नी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को इस बात का कतई भ्रम नहीं है कि भाजपा की रमन सरकार किसानों के साथ अन्याय करेगी । सत्ता के लिए बैचेन हो रहे कांग्रेसी, सरकार की व्यवस्थागत दिक्कतों को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में लगे हुए है। वे इस भ्रम में न रहे कि राज्य सरकार सिर्फ 10 क्विंटल धान खरीद कर चुप बैठ जाएगी। सरकार मंडियों में धान खरीदने-बेचने की समुचित व्यवस्था करेगी और प्रतिस्पर्धा के इस युग में, धान खरीदी की होड़ में किसानों को अच्छा मूल्य मिल जाए, इसका सरकार पूरा प्रयास करेगी। सरकार मंडियों को बिचौलियों से भी मुक्त करने के लिए सभी कारगर कदम उठाएगी। पार्टी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसानों को कम कीमत पर धान बेचने के लिए कतई मजबूर न होना पड़े। पार्टी प्रवक्ता श्री सवन्नी ने कहा कि भाजपा किसानों को वोट बैंक नहीं, अपना अन्नदाता मानती है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को आगाह किया कि धान खरीदी के मामले में हल्की राजनीति न करें। कांग्रेस को नैतिक अधिकार भी नहीं है कि वह धान खरीदी को मुद्दा बनाये। कांग्रेस के शासन काल में सिर्फ 19 लाख मैट्रिक टन धान खरीदा गया था, यानी एकड़ पीछे 5 क्विंटल से भी कम, वह भी पानी में डूबो-डूबो कर खरीदा जाता था। दिसंबर की कड़कड़ाती ठण्ड में किसानों को रात भर मंडियों के बाहर बैल गाडिय़ों में, अपने धान बेचने का इंतजार करना पड़ता था। इसके बाद भुगतान के लिए हफ्तों मंडी के चक्कर काटने पड़ते थे। अपने कार्यकाल में जीरो ओवर ड्राफ्ट का दावा करते समय अजीत जोगी यह भूल गये कि उनके शासन काल में किसानों को दिये गये चेक बैंक में कई बार बाऊंस हो जाया करते थे। भाजपा ने किसानों से आग्रह किया है कि वे कांग्रेसियों द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम में न आएं। ये वहीं कांग्रेसी है जिन्होंने चुनाव से पहले मंडियों में धान न बेचने की सलाह देकर, किसानों को अनावश्यक परेशान किया था। छत्तीसगढ़ के किसान यह कभी भूल नहीं सकते हैं कि, धान का समर्थन मूल्य मांगने पर उन्हें अत्याचारी कांग्रेसी शासन में डंडो से पीटा गया था। कांग्रेस ने राईस मिलरों के हाथों में बिक कर किसानों के साथ अन्याय किया था। भाजपा ने जोगी के शासनकाल में किसानों के हितों के लिए संघर्ष किया था। अभी भी भारतीय जनता पार्टी किसानों के हितों का संरक्षण कर रही है और भविष्य में भी करती रहेगी। |
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