राष्ट्रीय (07/10/2014)
40 चौकियों पर पाक की गोलाबारी
जम्मू। इस माह 17वीं बार संघर्ष विराम का
उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी रेंजरों ने जम्मू कश्मीर के जम्मू और सांबा
जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगीं 40 चौकियों और आसपास के 25 इलाकों पर
मोर्टार दागे तथा गोलीबारी की, जिससे तीन लोग घायल हो गए। पाकिस्तान
द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन का बीएसएफ के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब
दिया और कुछ इलाकों में अभी भी दोनों पक्षों में गोलीबारी जारी है। बीएसएफ
के प्रवक्ता विनोद यादव ने बताया कि पाक रेंजरों ने एक बार फिर बिना किसी
उकसावे के, कल रात नौ बजे से हमले शुरू कर दिए।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगी बीएसएफ चौकियों पर मोर्टार दागे और भारी गोलीबारी की।
बीएसएफ
के प्रवक्ता यादव ने बताया, पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में बीएसएफ
की कम से कम 40 सीमा चौकियां प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि
गोलाबारी और गोलीबारी में जम्मू तथा सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से
लगने वाले अरनिया, आर एस पुरा, कानाचक तथा परगवाल सब सेक्टरों को निशाना
बनाया गया है। विस्तृत ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि कानाचक और परगवाल
में बीएसएफ की लगभग सभी चौकियों को पाकिस्तानी रेंजरों ने निशाना बनाया। प्रवक्ता
ने बताया कि अरनिया और आर एस पुरा सब सेक्टरों में भी बीएसएफ की चौकियों
को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि सभी स्थानों पर बीएसएफ के जवानों ने
पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने बताया
कि कुछ इलाकों, खासकर परगवाल में गोलीबारी अभी भी जारी है। प्रवक्ता ने
कहा, बीएसएफ की तरफ जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। जम्मू के जिला
मजिस्ट्रेट अजीत कुमार साहू ने बताया कि कल रात से जम्मू जिले में
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया, आर एस पुरा, परगवाल, गंजानसू और कानाचक
पट्टी में 20 से 25 सीमावर्ती इलाकों पर मोर्टार दागे गए और भारी गोलीबारी
की गई। उन्होंने बताया कि जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी और
गोलाबारी में तीन लोग घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रात को ही 1,000 से अधिक लोगों को शिविरों में ले जाया गया। जम्मू कश्मीर
में एक अक्टूबर से भारत पाक सीमा पर यह 17वां संघर्ष विराम उल्लंघन है। इस
माह जम्मू और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर
पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी और गोलीबारी में छह व्यक्ति मारे गए हैं
और बीएसएफ के जवान सहित करीब 50 अन्य घायल हो चुके हैं।
नियंत्रण
रेखा पर नौ बार और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आठ बार संघर्ष विराम का उल्लंघन
हुआ है। इनमें से पुंछ में नियंत्रण रेखा पर सात बार, जम्मू में
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आठ बार और कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में दो बार
संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। पाकिस्तान ने पुंछ जिले में छह अक्टूबर को
भीमबेर गली, केरनी, बालकोट-मनकोट में तीन बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया
था।
पांच अक्टूबर को संघर्ष विराम का दो बार उल्लंघन किया गया था।
पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया क्षेत्र में
बिना उकसावे के भारी गोलीबारी और गोलाबारी की थी जिसमें पांच लोग मारे गए
थे और 34 अन्य घायल हुए थे। उसी दिन संघर्ष विराम का एक और बार उल्लंघन
किया गया था, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर
बालनोई उप सेक्टर में भारत की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया था।
चार
अक्टूबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर भारी
गोलीबारी की थी और मोर्टार दागे थे जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया
था। पाकिस्तानी सैनिकों ने तीन अक्टूबर को संघर्ष विराम का चार बार उल्लंघन
करते हुए कश्मीर घाटी के गुलमर्ग में और पुंछ तथा जम्मू सेक्टरों में
नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा स्थित अग्रिम क्षेत्रों और गांवों पर
गोलीबारी की थी। इसमें एक लड़की मारी गई थी और छह अन्य लोग घायल हो गए थे।
एक
और दो अक्टूबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का दो बार उल्लंघन
किया था जिसमें छह लोग घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अरनिया
इलाके में नागरिक क्षेत्रों पर गोलाबारी की निन्दा की है। उन्होंने कल
सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घायल नागरिकों से मिलने के बाद कहा था कि
उनके (पाकिस्तानी नेतृत्व) पास बोलने को कुछ नहीं है, सिवाय कश्मीर के। जब
भी वे विदेश जाते हैं तो केवल कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश करते हैं,
लेकिन हर बार वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने में बुरी तरह
विफल होते हैं। सीमा पार से गोलाबारी उनकी हताशा का संकेत है।
कल आर
एस पुरा पहुंचकर स्थिति की समीक्षा करने वाले बीएसएफ महानिदेशक डीके पाठक
ने कहा था कि उन्हें ईद के दिन गोलाबारी की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा
था कि बीएसएफ एक पेशेवर बल है और जवाबी कार्रवाई करेगा।
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