राष्ट्रीय (06/10/2014) 
चुनाव प्रचार के लिए मिलता है 500 रुपये और खाना-पीना
कैथल, 6 अक्तूबर (राजकुमार अग्रवाल): à¤¶à¤¹à¤° के चौक-चौराहों पर काम की तलाश में घंटे खड़े होने वाले श्रमिकों को आजकल आसानी से काम मिल जाता है। इसके एवज में उन्हें आम दिनों के मुकाबले मजदूरी भी ज्यादा मिलती है और भत्ता भी। इन दिनों पारंपरिक काम के लिए मजदूरों का मिलना मुश्किल हो गया है। समय सुबह 7 बजे, स्थान कमेटी चौक। जबकी श्रमिकों से बातचीत की और कुछ मिनट ठहरकर यहां का नजारा देखा। आलम यह था कि किसी भी चुनाव प्रचार की गाड़ी को देख श्रमिक एक दम से उसमें एंट्री करते और गाड़ी वहां से रवाना हो जाती। जल्दबाजी में एक मजदूर उस गाड़ी में नहीं बैठ पाया तो संवाददाता संजीव ने उससे पूछा कि आप कैसे रह गए भाई तो उसने बोला कोई नही भाई अभी गाड़ी आएगी। चुनाव का दौर है श्रमिकों को काम की कोई टेंशन नहीं है। संवाददाता ने पूछा कि प्रचार आप फ्री में करते हो या कुछ मिलता भी है। श्रमिक ने जवाब दिया अरे भाई  à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° में तो हर मजदूर की मौज होती है। जहां आम दिनों में श्रमिक दिनभर मजदूरी करके 300 रुपये कमाते हैं वहीं प्रचार में एक दिन के 500 रुपये+खाना+पीना मिलता है। इसके साथ गाडिय़ों में घूमना-फिरना अलग होता है। संवाददाता उससे और कुछ पूछता कि इतने में जयभगवान ने एक गाड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि लो सर आ गई गाड़ी। चलता हूं राम राम। इसके बाद बातचीत हुई शमशेर से, जो अपने भवन निर्माण के लिए लेबर खोज रहा था। शमशेर करीब 10 श्रमिकों से बातचीत करते नजर आया, लेकिन कोई उनके साथ चलने को तैयार नहीं हुआ। सवाददाता संजीव ने अपना परिचय देते हुए उससे पूछा कि क्या हुआ श्रमिक नहीं मिल रहा तो उन्होंने कहा कि मैडम पिछले आठ दिनों से इस चौक के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन कोई काम करने को तैयार नहीं है। भवन निर्माण का काम अधर में है। चुनाव के समय सब मजदूर व्यस्त है।

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