राष्ट्रीय (05/10/2014) 
डायबेटिक बच्चों पर अफ्रो-एशियाई सम्मेलन का शुभारंभ
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मंत्री, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां डायबेटिक बच्चों पर अफ्रो-एशियाई सम्मेलन का शुभारंभ किया। 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के तेजी से फैलने के साथ कभी-कभी इस तथ्य की अनदेखी कर दी जाती है कि 75000 से अधिक बच्चे भारत में टाइप 1 किशोर मधुमेह से पीड़ित हैं जिन्हें जीवित रहने के लिए आजीवन इन्सुलिन की जरूरत है। 

डॉ. जितेंद्र सिसंह ने कहा कि डॉक्टर और दंत चिकित्सक के रूप में अपने करियर की आरंभिक अवस्था में ही उन्हें महसूस हो गया था कि मृत्यु या मृत्यु संख्या की उच्च दर ऐसे बच्चों में इसलिए है क्योंकि कई मामलों में अभिभावक आजीवन उपचार के लिए इन्सुलिन की कीमत नहीं चुका सकते तथा इसलिए 1996 से ही उन्होंने प्रत्येक गरीब मधुमेह पीड़ित बच्चे को मुफ्त इन्सुलिन उपलब्ध कराने का नियम बना लिया। उन्होंने कहा कि आज भी ऐसे बहुत से बच्चें हैं जो उनसे निशुल्क इन्सुलिन प्राप्त करते हैं, उनमें से कुछ बड़े हो गए हैं, विवाह कर लिया है और रोजगार कर रहे हैं। 

सभी डॉक्टरों ने मधुमेह पीड़ित गरीब बच्चों को निशुल्क इन्सुलिन देने की यही सोच अपनाने का आहवान करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसी नन्हें चेहरे पर मुस्कान लाना किसी धार्मिक तीर्थ की यात्रा करने के बराबर पूजा है। 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने मधुमेह के शिकार बच्चों की मदद करने और देश में टाइप 1 डायबेटिक बच्चों की रजिस्ट्री तैयार करने के लिए भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से सभी सहायता का आवश्वासन दिया। 
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