राष्ट्रीय (30/09/2014) 
जज कुन्हा ने छीनी दो मुख्यमंत्री की कुर्सी
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मामले में जे जयललिता को चार साल की सजा दी गई है। बंगलौर की विशेष अदालत ने 18 साल पुराने मुकदमे में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगा दिया है।

मुख्यमंत्री पद पर बैठे किसी राजनीतिज्ञ को दी गई अब तक की ये सबसे बड़ी सजा है। सजा के ऐलान के बाद जयललिता के मामले की सुनवाई कर रहे जज जॉन माइकल कुन्हा भी चर्चा में हैं। कुन्हा मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के मामले में भी सुनवाई कर चुके हैं। कर्नाटक के हुबली में 1994 में उमा भारती समेत 21 अन्य पर ईदगाह मैदान में तिरंगा फहराने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। अगस्त, 1994 में उमा भारती ने हुबली के ईदगाह मैदान में तिरंगा झंडा फहराया था। दरअसल, वह मैदान विवादित था और प्रशासन ने वहां किसी भी प्रकार की सभा न करने की आदेश दिया था। उमा भारती समेत कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने आदेश का उल्लंघन किया और ईदगाह मैदान में सभा करने के प्रयास किया।
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