राष्ट्रीय (27/09/2014) 
कावेरी जैसी इमारतों की नोएडा में कमी नहीं
नोएडा। जिस तरह से प्राधिकरण ने इलाबांस गांव के पास लाल डोरे की जमीन बता कर हो रहे अपार्टमेंट निर्माण के कार्य को रोका गया है इस कार्रवाई से अन्य स्थानों पर भी हड़कंप मच गया है।

कावेरी जैसी बिल्डरों की नोएडा में भरमार है। जगह-जगह पर इस तरह के निर्माण किए जा रहे हैं। कावेरी अपार्टमेंट की तरफ से दायर याचिका को जिला अदालत ने बीते दिन खारिज कर दिया। इससे बिल्डर के साथ-साथ अब खरीददारों में भी बेचैनी बढ़ गई है।
प्राधिकरण के मुताबिक, बिल्डर ने जिला सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 8 अक्तूबर तय की, मगर बिल्डर की ओर अपील की गई कि सुनवाई तत्काल की जाए। इससे अदालत नाराज हो गई और कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिस पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।
अगर अवैध निर्माण किया गया है तो कार्रवाई होगी ही। यह कहकर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। प्राधिकरण को जैसे ही याचिका दायर होने की सूचना मिली तो पैरवी के लिए तत्काल लीगल की टीम लगा दी गई थी।
वहीं, प्राधिकरण ने कावेरी अपार्टमेंट को सील करने की तैयारी शुरू कर दी है। अपार्टमेंट में कुल छह टावर बनने थे, जिसमें से तीन का निर्माण अंतिम चरण में था। बिल्डर की तरफ से 2015 के अंत तक पजेशन देने का आश्वासन दिया गया था। इन तीन टावरों के फ्लैट खरीदार कुल कीमत का करीब आधा भुगतान भी कर चुके हैं। तीन कमरे के फ्लैट की कीमत 65 लाख रुपये बताई जा रही है।
बिल्डर ने प्राधिकरण की कार्रवाई से बचने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट से तत्काल सुनवाई करने को कहा, जिस पर नाराज कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

Copyright @ 2019.