राष्ट्रीय (26/09/2014)
धान खरीदी पंजीयन किसानों के लिये मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ बन गया - कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸
पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में धान बेचने के लिये किसानों का पंजीयन किसानो के लिये मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ बन गया है। पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤¶à¥€à¤² आनंद शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ ने कहा कि सरकार पंजीयन में उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के कितने à¤à¥€ दावे कर ले आंकड़े बता रहे है कि पंजीयन की नई नीति से किसान मायूस और परेषान है। समरà¥à¤¥à¤¨ मूलà¥à¤¯ पर धान खरीदी के पंजीयन के लिये à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किये गये अंतिम तिथि में अब मातà¥à¤° 3 दिन ही शेष रह गठहैं और अब तक सिरà¥à¤« 2 लाख 65 हजार किसानों का ही पंजीयन हो पाया है। पिछले वरà¥à¤· 11 लाख 60 हजार 684 किसानों ने ही धान की बिकà¥à¤°à¥€ की थी। यह पिछले वरà¥à¤· की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में à¤à¤• चैथाई तक à¤à¥€ नहीं पहà¥à¤‚चा है। पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• सहकारी समितियों के पास कà¥à¤² 7 लाख किसानो ने अपने आवेदन जमा किया है। लेकिन सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाये गये कठिन नियमों के कारण उनके पंजीयन रूके हà¥à¤¯à¥‡ है। इस वरà¥à¤· पंजीयन की धीमी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° से किसानों में नाराजगी है। पिछले साल किसानों ने कà¥à¤² मिलाकर 80 लाख टन धान समरà¥à¤¥à¤¨ मूलà¥à¤¯ पर बेचा था। पंजीयन के लिये किसानो को मतदाता परिचय पतà¥à¤° के साथ-साथ ऋण पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ की फोटो कॉपी, मोबाईल नंबर और बैंक खाता जमा कराने के लिये कहा गया है। कई किसानों की मतदाता परिचय पतà¥à¤° तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿ पूरà¥à¤£ है। इस वजह से उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा à¤à¥€ संयà¥à¤•à¥à¤¤ खातेदारों के पंजीयन को लेकर à¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ आ रही है। उनका आपसी बंटवारा तो हो गया है लेकिन शासकीय अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤–ों में उनका नाम अलग दरà¥à¤œ नहीं हà¥à¤† है à¤à¤¸à¥‡ किसानो का पंजीयन नहीं हो पा रहा। किसान à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाये गये इन कठिन नियमों से परेषान और हलाकान है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समठही नहीं आ रहा है कि वे सरकार के इस दमनकारी नियमों के खिलाफ कहां फरियाद करें। अचà¥à¤›à¥‡ मानसून और किसानों की जी तोड़ मेहनत के कारण धान की फसल अचà¥à¤›à¥€ होने की पूरी संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ दिख रही है लेकिन सरकार के रवैयà¥à¤¯à¥‡ के कारण फसल के आने के पहले ही किसान परेशान है। |
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