राष्ट्रीय (26/09/2014) 
अमेरिका में मोदी का समन से स्वागत
नई दिल्ली। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी जमीन पर कदम रखने से पहले ही न्यू यॉर्क की एक संघीय अदालत ने साल 2002 के गुजरात दंगे में उनकी कथित भूमिका को लेकर समन जारी किया है। यह समन मानवाधिकार के लिए काम करने वाले संगठन अमेरिकन जस्टिस सेंटर की याचिका पर जारी किया गया है। गौरतलब है कि नौ साल के वीजा प्रतिबंध के बाद प्रधानमंत्री 5 दिनों की अमेरिका यात्रा पर कल रवाना हुए हैं। वह आज रात वहां पहुंचेंगे।

अंग्रेजी अखबार 'द हिन्दूÓ को याचिकाकर्ता के वकील गुरपतवंत सिंह ने बताया कि मोदी को समन मिलने के बाद 21 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। समन के दस्तावेज में लिखा गया है कि अगर प्रधानमंत्री ने तय समय के भीतर जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ 'डिफॉल्ट जजमेंटÓ का इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट में दर्ज की गई 28 पन्नों की शिकायत में मुआवजे के साथ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। इसमें मोदी के ऊपर मानवता के खिलाफ अपराध, हत्याएं, टॉर्चर और दंगा पीडि़तों पर मानसिक और शारीरिक यंत्रणा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
वैसे यह पहला मामला नहीं है जब किसी भारतीय नेता को अमेरिकी कोर्ट से समन जारी किया गया है। सिख्स फॉर जस्टिस नामक ग्रुप ने सिख दंगों को लेकर इसी तरह की याचिका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ दायर की थी। गुरपतवंत सिंह ने बताया कि वादी की ओर से जवाब नहीं मिलने पर 'डिफॉल्ट जजमेंटÓ में अमेरिकी कानून के तहत संघीय अदालत साल 2002 की हत्याओं को मुसलमानों का नरसंहार करार देगी और संभव है कि दंगा पीडि़तों के पक्ष में आर्थिक और दंडात्मक मुआवजे की घोषणा करेगी। अमेरिकन जस्टिस सेंटर आज इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस करने वाला है। 
 

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