राष्ट्रीय (25/09/2014) 
टोल टैक्स पर विरोध करने की तैयारी
ग्रेटर नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर टोल वसूले जाने के प्रस्ताव पर विरोध ेके स्वर बुलंद होने लगे हैं। इसके लिए किसानों, सामाजिक संगठनों ने धरना-प्रदर्शन करने के लिए तैयारी शुरू कर दिए हैं।

ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि गुपचुप तरीके से आखिर प्रस्ताव कैसे पास किया गया। गौरतलब है कि यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने 15 सितंबर को हुई बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव चुपचाप पास कर लिया है।
2003 में जेपी ग्रुप और यूपी सरकार के बीच यमुना एक्सप्रेस वे (तब ताज एक्सप्रेस वे) बनाने को लेकर करार हुआ था। इसके अनुसार नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस-वे को भी यमुना एक्सप्रेस वे का पार्ट माना गया था और इस पर 36 साल तक कंपनी को टोल वसूली का अधिकार दिया गया।
यमुना एक्सप्रेस-वे 9 अगस्त 2012 को ओपन किया गया था। उस समय भी नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन जनता के विरोध के कारण इसे वापस ले लिया गया था। अब चर्चा है कि जेपी ग्रुप के प्रेशर के कारण सरकार ने इस पर टोल वसूली का रास्ता साफ कर दिया।  इस मुद्दे को लेकर लोगों में गुस्सा है। इस संबंध में रबुपुरा में कांग्रेस के यूपी प्रवक्ता ठाकुर धीरेंद्र सिंह की अगुवाई में बैठक हुई। योजना पर सभी ने विरोध जताया। उसके बाद आंदोलन की चेतावनी देते हुए उन्होंने यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और फैसला वापस लेने की मांग की।
किसान संघर्ष समिति ने सिरसा में पंचायत कर सूबेदार रमेश रावल, राजेंद्र प्रधान, प्रकाश प्रधान आदि ने इसके विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी। वह इस संबंध में प्राधिकरण के चेयरमैन व जिलाधिकारी को भी पत्र लिखेंगे। उन्होंने किसी भी हालत में टोल लागू न होने देने की चेतावनी दी है।
देहात मोर्चा ने भी बैठक कर टोल वसूली का निर्णय लागू करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मोर्चा के कोषाध्यक्ष मनवीर लुहारली ने कहा कि उनका संगठन इसका पुरजोर विरोध करेगा और आंदोलन किया जाएगा।  यह जनविरोधी निर्णय है। पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश की सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है। 

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