राष्ट्रीय (25/09/2014) 
फेस-टू फूल-फल मंडी दुकानों का घोटाला उजागर : आवंटियों को तगड़ा झटका
नोएडा। फेज-दो स्थित फूल-फल मंडी में अरबों रुपये की दुकानों के आवंटन में हुई धांधली के मामले में शासन ने पिछले दिनों 96 दुकानों का आवंटन रद्द कर दिया है। इस कार्रवाई से यहां धांधली कर दुकान लेने वालों को तगड़ा झटका लगा है।

अबतक इस घोटाले में शामिल लोगों या अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में बुधवार को भंगेल फल व सब्जी विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन व आरटीआई एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जिलाधिकरी से दुकानों को खाली कराने व दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि अनियमितताओं के आरोपों और विरोध प्रदर्शनों के बावजूद फूल मंडी में फल और सब्जी की 140 दुकानों के आवंटन के लिए 19 जनवरी 2013 को खुली नीलामी की गई थी। नीलामी से एक दिन पहले इसमें भाग लेने वाली 133 में से 28 फर्मों के पत्ते औचक निरीक्षण में गलत पाए गए थे। प्रशासन की ओर से राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद सूचना देने के बावजूद मंडी परिषद नीलामी कराने के निर्देश दिए।
विरोध करने वालों का दबाव बढऩे पर तत्कालीन एडीएम वित्त  भगवान सिंह की अध्यक्षता में तत्कालीन जिलाधिकरी एमकेएस सुंदरम ने एक जांच कमिटी बनाई। इसमें भगवान सिंह के साथ-साथ एसडीएम दादरी राजेश यादव, सिटी मैजिस्ट्रेट पुष्पराज सिंह व अंजूलता थीं। जांच में घोटाला पाया गया और रिपोर्ट अप्रैल 2013 में जिलाधिकारी को सौंप दी गई थी।
बाद में रंजीत फ्रुट एंड वेजिटेबल कंपनी की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में आवंटन रद्द कराने के लिए याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को जांच कर निर्णय लेने का आदेश दिया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इसकी जांच एसआईटी से कराई।
जांच की रिपोर्ट के आधार पर यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने 21 सितंबर को इनमें से 96 दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी मानते हुए उन्हें रद्द कर दिया। अब अन्य दुकानों पर भी आवंटन रद्द की तलवार लटकी हुई है। 

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