राष्ट्रीय (23/09/2014)
पंजीयन के नाम पर किसानो को परेशान कर रही सरकार - कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸
सरकारी धान खरीदी के लिये पंजीयन के मामले में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हà¥à¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के महामंतà¥à¤°à¥€ शैलेश नितिन तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने कहा है कि राषन कारà¥à¤¡ धारकों की ही तरह बरताव किसानों के साथ करने की तैयारी हो चà¥à¤•à¥€ है। पिछले साल विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के कारण 1569397 किसानों का पंजीयन किया गया जिनमें से 1160360 किसानों ने 80 लाख मेटà¥à¤°à¤¿à¤• टन धान बेचा था। इस साल 30 सितंबर किसानो के पंजीयन की अंतिम तिथि रखी गयी है और निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ अवधि का तीन चैथाई समय बीत चà¥à¤•à¤¾ है लेकिन 265017 किसानो का ही पंजीयन हो पाया है। पंजीयन के नाम पर किसानो को परेशान किये जाने से किसानों में नाराजगी है। इससे ही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है कि अब à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में शेष बचे 13 लाख हजार 680 किसानो का पंजीयन हो पाना संदिगà¥à¤§ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहा है। रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ à¤à¤• सितंबर से पूरे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤· में शà¥à¤°à¥‚ तो हो गया है जो 30 सितंबर तक चलेगा। यही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ रहा तो किसानों को बिचैलियों को औने पौने दाम में अपना धान बेचना पड़ेगा। बिचैलिये उसी धान को समितियों में बेचकर मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करेंगे। सरकार इस बार किसानो का पूरा धान समरà¥à¤¥à¤¨ मूलà¥à¤¯ में नहीं खरीदना चाहती इसलिये खरीदी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को पंजीयन में किसानों को कठिनाइयां बढ़ाकर जटिल कर दी है। धान खरीदी के लिये पंजीयन का जो नियम बनाने वाली à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार को à¤à¥€ मालूम है कि काफी किसानों का वोटर आईडी, और आधार कारà¥à¤¡ अà¤à¥€ तक बन ही नहीं पायें है। किसानो से पंजीयन के लिये मोबाईल नंबर मांगे जा रहे हैं। अनेक किसानों के पास मोबाईल नंबर नहीं है à¤à¤¸à¥‡ में किसानो को मोबाईल नंबर के नाम पर परेशान किया जा रहा है। धान की फसल आयी नहीं है बेचने की संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ तिथि फारà¥à¤® में मांगी जा रही है। यह सारे फरमान किसानों को परेषान करने वाली है। शासन ने रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¥‰à¤¶à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤¯à¥‡ 18 दिन गà¥à¤œà¤° गये लेकिन अà¤à¥€ तक विà¤à¤¾à¤— और किसी अधिकारी ने रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ के संबंध में कोई समीकà¥à¤·à¤¾ नहीं की है। जनपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ à¤à¥€ इस नियम को सरल कराने मे अपने आपको असहाय महसूस कर रहे। इस वरà¥à¤· धान कम से कम खरीदी किया जाये इसलिये पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को जटिल किया गया है। किसानो ने बताया है कि किसी किसान की मौत हो गयी है उसके नाम के खाते फौती नहीं उठा है तो मृत किसानों के परिजनों के नाम पर रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¨ नहीं हो रहा है। कई किसानों ने अपने खाते को विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ कर दिया है। लेकिन पटवारी राजसà¥à¤µ विà¤à¤¾à¤— के दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ में उनका नाम नहीं चढ़ पाया है तो रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ से किया जा रहा है। रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ नहीं हो पाने के कारण सहकारी समितियों से वापस जा रहे है। किसानो ने बताया कि पिछले वरà¥à¤· छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ शासन ने करीब 80 लाख टन धान की खरीदी की थी लेकिन इस वरà¥à¤· धान खरीदी का लकà¥à¤·à¥à¤¯ कà¥à¤¯à¤¾ रखा गया है अà¤à¥€ तक घोषणा नहीं की गयी है। किसानों का कहना है कि खादà¥à¤¯ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ फारà¥à¤® किसानों को निःशà¥à¤²à¥à¤• उपलबà¥à¤§ कराये जाने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤· है लेकिन सहकारी समितियां फारà¥à¤® खतà¥à¤® होने की बात कहकर फोटो कापी कराने के लिये किसानों से 20 रूपये वसूल रही है। जिन किसानों का पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ है तो फिर उनका नया रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ के नाम पर परेशान कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया जा रहा है। नया रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ के लिये किसानो को पटवारी और कृषि विसà¥à¤¤à¤¾à¤° अधिकारी का चकà¥à¤•à¤° काटना पड़ रहा है। कई बड़े किसान संयà¥à¤•à¥à¤¤ परिवार में रहते हैं लेकिन कृषि कारà¥à¤¯ का जिमà¥à¤®à¤¾ परिवार के किसी à¤à¤• सदसà¥à¤¯ पर है। निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ तारीख को किसान समिति में धान लेकर नहीं जायेंगे तो उनका धान नहीं खरीदा जायेगा। |
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