गाà¤à¤§à¥€ शांति पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित पंदà¥à¤°à¤¹ दिवसीय पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ लेखन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾- 2014 का गत दिनों सफलतापूरà¥à¤µà¤• समापन हो गया. कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठवरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ (à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤²) के पूरà¥à¤µ कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ अचà¥à¤¯à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द मिशà¥à¤° के वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ से हà¥à¤† था. बाद के दिनों में कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों को वकà¥à¤¤à¤¾ या पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤• के रूप में जिन वरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚-लेखकों का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† उनमें पà¥à¤£à¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¸à¥‚न वाजपेयी, अकॠशà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ, आनंद पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨, कमर वहीद नकवी, जवाहरलाल कौल, देवपà¥à¤°à¤¿à¤¯ अवसà¥à¤¥à¥€, अनà¥à¤ªà¤® मिशà¥à¤°, वरà¥à¤·à¤¾ दास, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨, मणिकांत ठाकà¥à¤° (बीबीसी, पटना), रवीश कà¥à¤®à¤¾à¤°, अरà¥à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी, संत समीर, रामबहादà¥à¤° राय, अरविनà¥à¤¦ मोहन, डॉ. वेद पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक, à¤à¤¨ के सिंह, अनिल चमड़िया, पà¥à¤°à¤¸à¥‚न लतांत à¤à¤µà¤‚ अमलेश राजू (कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤® रिपोरà¥à¤Ÿà¤°, जनसतà¥à¤¤à¤¾) के नाम शामिल हैं. कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के दौरान पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ व लेखन संबंधी जिन महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ विषयों पर चरà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤ˆ उनमें पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°, सामाजिक उपादेयता का संकट, उसमें पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की कसौटी, à¤à¤¾à¤·à¤¾ तथा वरà¥à¤¤à¤¨à¥€ का महतà¥à¤µ, पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के पारिवारिक दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨, कला जगत की पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾, जनांदोलनों à¤à¤µà¤‚ जनसंगठनों की पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾, कूटनीतिक पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾, पà¥à¤°à¥‡à¤¸ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾, उस पर पड़ने वाले वाहà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ आंतरिक दबाव, लेखन की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ जैसे विषय महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हैं. इस दौरान इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• मीडिया संबंधी कà¥à¤› महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ विषयों जैसे: उसकी रिपोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग, à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤Ÿ लेखन आदि पर à¤à¥€ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤ˆ. गाà¤à¤§à¥€ शांति पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चलाई जा रही इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का मूल उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ है - पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आने वाली नई पीढ़ी के दिल-दिमाग में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ व लेखन की सारà¥à¤¥à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ पैदा करना, मिशन à¤à¤¾à¤µ अथवा मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚-आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ का किसी न किसी रूप में बीजारोपण तथा जन सरोकारों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उसकी निषà¥à¤ ा में वृदà¥à¤§à¤¿ करना; देश-समाज व राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ के मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उसके अंदर संवेदनशीलता को और बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ तथा मानवीय सरोकारों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सजग व सतरà¥à¤• करना. उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ यह à¤à¥€ है कि सतà¥à¤¯, शांति व अहिंसा के मूलà¥à¤¯ उसकी पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में ऊपर आयें à¤à¤µà¤‚ वह मानवतापूरà¥à¤£ देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के संसà¥à¤•à¤¾à¤° से ओत-पà¥à¤°à¥‹à¤¤ हो। साथ ही पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ व लेखन की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚-आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ व सरोकारों की à¤à¥‚मिका पर बहस को à¤à¥€ नई ऊरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जा सके। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ नई पीà¥à¥€ के पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के अंदर किसी न किसी रूप में मूलà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ का उनà¥à¤¨à¤¯à¤¨ हो. यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤œà¤¨à¤• à¤à¤¾à¤—ीदारीउपरà¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर गत वरà¥à¤· की à¤à¤¾à¤‚ति इस वरà¥à¤· à¤à¥€ इस अनोखी कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन किया गया। इसमें उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤¸à¥‡ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं ने à¤à¤¾à¤—ीदारी की जो पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं अथवा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में अनà¥à¤¯ किसी पेशे में रहते हà¥à¤ à¤à¥€ किसी न किसी रूप में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ या लेखन से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ रहना चाहते हैं। इसमें दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤µà¤‚ दिलà¥à¤²à¥€ से बाहर के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚, महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के लगà¤à¤— 80 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों ने हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया. पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों की यह संखà¥à¤¯à¤¾ तब रही जब कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ हेतॠपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ी को कम से कम तीन सौ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का à¤à¤• हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤–ित नोट देना अनिवारà¥à¤¯ किया गया था. वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ के अंत में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों ने विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ से जमकर सवाल-जवाब किà¤. जरूरी विषयों से संबंधित पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚, पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤à¤‚ व लेख à¤à¥€ वितरित किठगà¤. पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों ने बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में समाचार, रिपोरà¥à¤Ÿ, लेख व फीचर à¤à¥€ लिखा. पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार की गई इस सामगà¥à¤°à¥€ से ही à¤à¤• आठपृषà¥à¤ ीय अख़बार ‘यà¥à¤µà¤¾ उदà¥à¤˜à¥‹à¤·â€™ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ à¤à¥€ किया गया. विषय की महतà¥à¤¤à¤¾ व यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤œà¤¨à¤• à¤à¤¾à¤—ीदारी को देखते हà¥à¤ गाà¤à¤§à¥€ शांति पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ लेखन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ को साल का à¤à¤• नियमित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बनाने पर विचार कर रहा है. सहयोग देने वाले विदà¥à¤µà¤¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आà¤à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते हà¥à¤ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ संयोजक अà¤à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª का कहना है कि वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• मीडिया समूहों à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के आयोजनों से इतर यह à¤à¤• मिशनरी आयोजन है. इसे कà¤à¥€ à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• रूप नहीं दिया जा सकता. इसकी गरिमा व पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ को बनाठरखना हमारा पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• लकà¥à¤·à¥à¤¯ है. अतः मूलà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• निषà¥à¤ ा रखने वाले चंद लेखकों-पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚, देशà¤à¤•à¥à¤¤ नागरिकों, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के (विशेष रूप से हिंदी जगत के) सहयोग से ही यह कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आगे बढेगा. |