राष्ट्रीय (19/09/2014) 
शहरी हलचल - धर्मनिरपेक्षता के पथ पर नरेन्द्र मोदी
देश भर में हुए उपचुनाव के नतीजे आते ही नरेन्द्र मोदी ने विश्व स्तर पर छवि सुधारने के साथ-साथ अब देश के मुसलमानों के दिल में भी जगह बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। जहां अब तक टीवी चैनलों पर किए जा रहे प्रचार में गुजरात में केवल रन ऑफ कच्छ और यहां के विशाल मंदिर पर्यटन के रूप में दिखाए जा रहे थे। वहीं, आज से मस्जिद के बारे में गुजरात के ब्रांड एंबेस्डर अमिताभ बच्चन चैनलों पर बोलते दिखते हैं और एकता का संदेश दे रहे हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम बनने के बाद से बीते दिन पहली नरेन्द्र मोदी ने देश के मुसलमानों के लिए बयान दिया है। एक अंतरराष्टï्रीय खबरिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने साफ कहा कि भारत का मुसलमान देशभक्त है और उनकी देशभक्ति पर किसी भी सूरत में उंगली नहीं उठाई जा सकती। वैसे तो उनके बारे में कटरवादी हिंदू की परिभाषा दी जाती थी लेकिन उन्होंने मुसलमानों की जमकर तारीफ भी कर डाली। इससे साफ जाहिर है कि अब समझ चुके हैं कि साम्प्रदायिकता पूरी तरह त्याग कर सबको साथ लेकर चलना होगा। यही कारण है कि रातो-रात उनके खुद के साथ प्रचार-प्रसार में मंदिरों के स्थान पर अब मस्जिद आ गई है।
अभी-अभी हुए उपचुनाव में भाजपा को यूपी, राजस्थान और गुजरात में मुंहकी खानी पड़ी। हालांकि सबसे हिलाने वाले नतीजे यूपी के रहे। यहां 11 सीटों में से भाजपा के पास केवल 3 सीटें ही आई। राजस्थान में भाजपा को कांग्रेस ने शिकस्त दी और गुजरात में भी कांग्रेस ने भाजपा के मतदाताओं को काफी हद तक अपनी ओर खींच लिया। ऐसे में नरेन्द्र मोदी अब खुद मुसलमानों को अपने पक्ष में लाने के लिए प्रयास करने लगे हैं। यह सही है कि भारत का प्रधानमंत्री न तो हिंदू का होता है और न ही मुसलमान का वह सभी के लिए बराबर होता है।

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