राष्ट्रीय (02/09/2014)
बरसाने में राधा रानी के जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ की तैयारी धूमधाम से
à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ कि पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤®à¤¾ राधा रानी के जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ की धूम बैसे तो सारे देश में मची हà¥à¤ˆ हैं ..पर इसका असली रूप तो देखने को मिलता हैं राधा रांनी के गाव बरसाने में जहा पर आज रात को मनाया गया राधा रानी का जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ और दूध दही शहद गंगाजल आदि से किया जाता है अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• और इस अलोकिक नजारे के लाखो à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ ने दरà¥à¤¶à¤¨ किये अपने दà¥à¤– दूर करने को और अपनी हर मनोकामना पà¥à¤°à¥€ करने के लिये किये. तथा खूब लगाये राधा रानी के जयकारे बरसाने में इस समय लग रहा है की बकाई में आज हà¥à¤† हैं राधा रानी का जनà¥à¤® यहा पर आये देश विदेश से आये लाखों à¤à¤•à¥à¤¤ खूब लूट रहे है उपहार और जमकर उठाया à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का आनंद, मंदिर में लगी à¤à¥€à¥œ ओर उसपर जोर जोर से लगने वाले राधा रानी के जय कारे तथा सोलह शà¥à¤°à¤‚गार करके अपने अपने घरों से आई ये सखिया नाच गा रही है बà¥à¤°à¤œ की लाडली के जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ के मौके प़र ओर ये सब हो रहा है बरसाने के शà¥à¤°à¥€ जी मंदिर जहाठप़र आज रात को मनाया गया है राधा रानी का जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ/ मथà¥à¤°à¤¾ से लगà¤à¤— 50 किलोमीटर दूर बसा हैं बà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤à¤¾à¤¨ जी का बरसाना गाव जहां पर आज मनाया जा रहा हैं आज राधा रानी का जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ कà¥à¤¯à¥‹à¤•ी आज ही के दिन लगà¤à¤— 5000 साल पूरà¥à¤µ जनà¥à¤®à¥€ थी राधा रानी.. मथà¥à¤°à¤¾ के बरसाना में आज à¤à¥€ मनाया जाता हैं जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ, यह उतà¥à¤¸à¤µ मनाया जाता हैं बà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤à¤¾à¤¨ दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥€ के उस विशाल मंदिर में जो पहाडो पर बना हैं .. इस मंदिर को à¤à¤µà¥à¤¯ रूप से सजाया जाता हैं इस अवसर पर सिरà¥à¤« राधा रानी का ही नाम चारो ओर सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देता हैं और मंदिर में रात à¤à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नाच गाना किया जाता हैं इसमे कलाकारो के कई समूह à¤à¤¾à¤— लेते हैं और फिर होती हैं à¤à¤œà¥à¤¨à¥‹ की बरसात और à¤à¤•à¥à¤¤ नाचते गाते हà¥à¤¯à¥‡ लेते हैं राधा रानी के इस पावन परà¥à¤µ का आनंद.. मंदिर में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ की à¤à¥€à¤¡ को देख कर हर कोई राधा रानी की à¤à¤• à¤à¤²à¤• पाने को बेकरार नजर आता हैं ,, रात à¤à¤° मंदिर में जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ की ख़à¥à¤¶à¥€ में बधाई गायन होता है बहीं मंदिर में अबकी वार बड़ा ही मनोहारी रूप से बगंला à¤à¥€ सजाया गया जिसमें देसी और विदेशी फूलों की महक ने पूरे मंदिर परिसर को महका दिया और पहले जहाठराधा रानी का मंदिर में जनà¥à¤® के समय होने वाला पंचा मिरत अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• आधे घंटे हà¥à¤† करता था बहीं अबकी वार इसको à¤à¥€ à¤à¤• घंटे का किया गया है और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ à¤à¥€ इस मेले की कई दिन पहले से करता हैं तयारी ओर यहा पर किसी अनहोनी ओर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ को देखकर काफी मातà¥à¤°à¤¾ में सी सी टी बी कैमरों को à¤à¥€ लगाया जाता है बहीं पà¥à¤²à¤¿à¤¸ बल à¤à¥€ मंदिर के अनà¥à¤¦à¤° और बाहर चपà¥à¤ªà¥‡ चपà¥à¤ªà¥‡ प़र नज़र बनाये रखते है .. |
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