राष्ट्रीय (02/09/2014) 
जनता से दूर थे एमएलए उम्मीवार
विधानसभा उपचुनाव में सभी प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। वैसे तो बारह उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन सपा, कांगे्रस और भाजपा प्रत्याशियों पर सभी की नजरें टिकी है। ऐसे में नोएडावासियों के लिए वोट देने के लिए असमंजस की स्थिति में हैं।
क्योंकि जितने भी उम्मीदवार हैं शायद ही कभी इन्होंनों जन समस्याओं को प्रशासन के सामने उठाया हो। या फिर जन समस्याओंं की निस्तारण के लिए सामने आए हों। सपा उम्मीदवार काजल शर्मा का नाम उस समय चर्चाओं में आया जब टिकट को लेकर कई लोग दौड़ में थे। इससे पहले काजल शर्मा बुलंदशहर से सांसद के टिकट के लिए दौड़ में थीं अब वे नोएडा में किस्मत अजमा रही हैं। यही हाल कांगे्रस उम्मीदवार राजेन्द्र अवाना का है। कहने के लिए वह वर्षों से कांगे्रस कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं लेकिन जन समस्याओं के लिए होने वाले आंदोलनों में शायद ही उन्होंने कभी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया हो। चुनाव प्रचार के लिए उन्होंने कुछ कांगे्रसजन तो जुटा लिए हैं लेकिन जनता पर विश्वास कैसे स्थापित करेंगे ये देखना काफी दिलचस्प होगा। उधर, भाजपा उम्मीदवार विमला बाथम की बात करें तो कभी-कभी नेताओं के बार-बार आग्रह करने पर वह कुछ एक प्रदर्शनों में दिखाई जरूर देती थी मगर कभी जनता के बीच जाकर किसी भी मुद्दे को लेकर सक्रिय भूमिका नहीं निभाई। इतना जरूर है कि विमला बाथम महिलाओं में भाजपा की पुरानी कार्यकर्ताओं में से एक हैं। मगर जनता के बीच उनकी कोई खास पहचान नही है। कुल मिलाकर कहा जाए तो तीनों ही मुख्य उम्मीदवारों की जनता के बीच पकड़ ढीली है लेकिन पार्टी में शीर्ष नेताओं में उनका अच्छा रसूख है। जिसके चलते आज वह चुनावी मैदान में लीडिंग पार्टियों की ओर से खड़े हैं।
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