राष्ट्रीय (13/07/2014) 
जान जोखिम में..
आस्था में इस कदर  à¤¡à¥‚ब  जाते है à¤²à¥‹à¤—  à¤•ि  à¤«à¤¿à¤° जान  à¤œà¥‹à¤–िम में ही क्यों  à¤¨  à¤† जाये ? मथुरा में  à¤®à¥à¥œà¤¿à¤¯à¤¾ पूर्णिमा पर लगने वाले मेले  à¤œà¤¾à¤¨à¥‡ के लिए à¤²à¥‹à¤— नियमो की धज्जियाँ उड़ा  à¤•र à¤…पनी जान को जोखिम में   डाल  à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ के नीचे  à¤¸à¥‡  à¤¨à¤¿à¤•लते देखे गए लेकिन रेलवे के अधिकारी इस लापरवाही से बेखबर  à¤¦à¤¿à¤–ाई दिए, लोग आस्था  à¤®à¥‡à¤‚  à¤‡à¤¤à¤¨à¥‡ अंधे हो  à¤—ए à¤¹à¥ˆà¤‚ कि अच्छा बुरा भी उनको नजर नही  à¤† रहा  , इस दौरान à¤µà¥‹ अपनी जान भी जोखिम में  à¤¡à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ से नही चूकते,   मुड़िया पूनों à¤ªà¤° à¤—ोवर्धन के लिए जाने भक्तों  à¤¹à¥ˆ , जो इस समय दूर दूर से गोवेर्धन भगवान के दर्शनों के लिए लाखों की संख्या  à¤®à¥‡à¤‚  à¤ªà¤¹à¥à¤à¤š रहे हैं लेकिन इस दौरान वो अपनी जान भी जोखिम में  à¤¡à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ से नही चूक रहे  , ये नजारा है आगरा कैंट के यार्ड का , जन्हा पैसेंजर ट्रैन गोवेर्धन के लिए जाने को तैयार है जिसमें सीट पाने के लिए लोग दूसरे à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤• पर खड़ी à¤®à¤¾à¤²à¤—ाड़ी के नीचे से निकल रहे हैं à¤¯à¥‡ सभी à¤…पनी सीट की भागदौड़ में  à¤¹à¥ˆà¤‚ जो पहले पहुंचेगा उसको ट्रैन में  à¤¸à¥€à¤Ÿ मिल जायेगी फिर चाहे उसकी कीमत जान दे कर  à¤•्यों न चुकानी पड़े    â€¦ देखिये किस तरह महिलायें ,बच्चे , युवा , बुजुर्ग à¤¹à¤° वर्ग के लोग मालगाड़ी के नीचे से सामान सहित निकल रहे हैं… जब हमने कुछ यात्रियों से पुछा कि क्या उनको डर नही लगता तो वो कहते हैं डर तो लगता है पर क्या करें , सीट लेनी है तो करना पडेगा… लेकिन रेलवे अधिकारी कहा है ?
संदीप सागर कि रिपोर्ट
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