राष्ट्रीय (16/06/2014)
किसानों के आगे खाद-बीज की भारी समस्या: कांग्रेस
रायपुर/16 जून 2014। राज्य में बीज संकट की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बारिष का मौसम सामने हैं। प्री मानसून बरसात शुरू हो चुकी है और डबल लाक केन्द्रो में खाद बीज का भंडारण न होने के कारण किसान दर-दर भटक रहे हैं। धान और सोयाबीन की बीज की भारी किल्लत है। बाहर से मंगाई गई सोयाबीन की सारी किस्मों की बीज अंकुरण के टेस्ट में फेल हो गये। अब आखिर किसान कहां जाये? कांग्रेस मांग करती है कि सरकार किसानों को समुचित मात्रा में बीज और खाद उपलब्ध करायें। भद्दर खेती-किसानी के समय में बाऊक-बतर के समय में एक ओर छŸाीसगढ़ के किसान खाद बीज की समस्याओं से जूझ रहे है। मुख्यमंत्री रमन सिंह चैन की बंषी बजा रहे है। किसानों को रियायती दर पर खाद, बीज, कीटनाषक सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। यदि छत्तीसगढ़ के किसानों को बीज खाद ब्लेक मार्केटिंग में महंगे दर पर खरीदनी पड़ी तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य की भाजपा सरकार की ही होगी। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के परिणाम स्वरूप खेती के उत्पादन लागत में वृद्धि हो रही है, किसान आर्थिक परेषानी झेलने को मजबूर हैं। छत्तीसगढ़ बीज-निगम किसानों को बीज उपलब्ध कराने में विफल हो गया है। बीज निगम के बीज की गुणवत्ता निम्न स्तर की है। बीज तो अंकुरित नहीं हो रहे है। भाजपा सरकार में छत्तीसगढ़ का किसान तकलीफ और शोषण के दौर से गुजर रहा है। भाजपा सरकार में किसान की प्रगति नहीं हो पा रही है, केवल खाद-बीज की कालाबाजारी और नकली दवाओं का कारोबार ही छत्तीसगढ़ में उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। छत्तीसगढ़ के धान उगाने वाले किसानो के साथ भाजपा सरकार साजिष कर रही है। नकली बीज अमानक खाद, नकली दवायें, कर्ज के कुचक्र में किसानों को एक बार फिर से फंसाने का काम किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का असली किसान विरोधी चेहरा है। रबी फसल का धान मंडीयों में लेकर आये हुये किसानो को धान का समर्थन मूल्य और बोनस 300 रू. नहीं मिल पा रहा है। इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेष में रबी फसल की धान का समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा गया है। जिसके कारण किसान अपने खून पसीने की मेहनत से पैदा किये धान को औने-पौने दामों पर बेचने हेतु विवष होना पड़ रहा है। बाजार में 400 से 500 रू. तक कम मूल्यों पर किसानो को अपना धान बेचना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के मुखिया डाॅ रमन सिंह किसानो के साथ हो रहे इस शोषण को रोक नहीं रहे है। शासन की यह जिम्मेदारी होती है कि किसानों का धान समर्थन मूल्य से कम पर नहीं बिके उन्हें धान की पूरी कीमत मिलें लेकिन शासन की कृषि उपज मंडिों में ही खुले आम किसानों के साथ लूट हो रही है। धान का समर्थन मूल्य पूरे वर्ष भर के लिये होता है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के गलत नीति के कारण किसान इस लूट और शोषण का षिकार हो रहे है। किसानों को रबी फसल का धान समर्थन मूल्य से 200 रू. प्रति क्विंटल कम पर और बिना बोनस के बिक रहा है। किसानो के इस शोषण और खुली लूट का भाजपा शासन का प्रश्रय प्राप्त है। कांग्रेस मांग करती है कि किसानों के इस शोषण पर रोक तत्काल रोक लगायी जायें एवं खरीफ फसल की तरह रबी फसल के धान का समर्थन मूल्य पर बोनस सहित भुगतान मिले। |
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