राष्ट्रीय (14/12/2013) 
रेप फ्री नेशन के नाम से सिग्नेचर कैंपेन
दिल्ली में पिछले साल 16 दिसम्बर को हुई वारदात की यादे आज भी लोगो के जहन में जिंदा हैं । इसीलिए लोग आज भी उस बहादुर बेटी को अपने अपने तरीके से याद करते हैं और अपने अपने तरीके से श्रध्दांजली देते हैं । उस बेटी को किसी ने नाम दिया निर्भया तो किसी ने कुछ और। हर किसी ने उससे अपना एक रिश्ता बना लिया औऱ उसके दर्द से जुड गए । इसीलिए देश को याद है कि किस तरह से युवा उस बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सडको पर खडा हो गया था । देश में इतनी बडी वारदात होने के बाद लोगो ने सोचा कि महिलाओं और लडकियों के प्रति लोगो में संवेदना पैदा होगी और महिलाओ की सुरक्षा पुख्ता होगी लेकिन आए दिन देश के कोने कोने में किसी ना किसी बेटी को हवस का शिकार बनाया जा रहा है। ऐसी ही बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए और देश में कहीं और निर्भया ना बन जाए इसके लिए एक निजी फाउंडेशन ने रेप फ्री नेशन के नाम से सिग्नेचर कैंपेन चलाया जिसको निर्भया की पहली वर्षगांठ पर किया गया। गुड़गांव के डीटी सिटी सेंटर मॉल में इस कैंपेन को चलाया गया और लोगो ने भी इसमें बढचढ कर भाग लिया 
एनजीओ द्वारा चलाए गए इस कैंपेन में सैंकडो लोगो ने भाग लिया और एक रेप फ्री नेशन बनाने के लिए अपने अपने सुझाव दिए । मॉल में आए लोगो का मानना है कि देश में इतनी बडी घटना होने के बाद भी कुछ बदलाव नहीं हुआ । आज भी देश में महिलाओं को उसी गंदी नजर से देखा जाता है महिलाएं घर से बाहर निकलने पर भी कतराती हैं । लेकिन इतना ही नहीं महिलाएं का कहना है कि उन्हे अपनी सुरक्षा खुद ही करनी पडेगी । तभी इस समाज में बदलाव हो सकता है । 
निर्भया जैसी बहादुर बेटी तो इस देश से चली गई औऱ शायद वो भी यही चाहती होगी कि हमारा समाज रेप फ्री नेशन हो लेकिन अगर एक साल बाद अपने समाज को देखा जाए तो इसमें आज भी महिलाओं को सही नजरो से नही देखा जाता । लोग जागरुकता फैलाने के लिए तरह तरह के कैंपेन जरुर चलाते हैं लेकिन जब तक आम आदमी अपने आप में बदलाव नहीं करेगा तब तक समाज के नजरिए में बदलाव नहीं हो सकता ।
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