राष्ट्रीय (05/12/2013) 
भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण ने 51 करोड़ आधार नंबर जारी किए
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अब तक 51 करोड़ आधार नंबर जारी किए हैं। प्रतिदिन करीब 11 लाख आधार नंबर जारी किए जाते हैं और अगले कुछ महीनों में यह प्रमुख कार्यक्रम 60 करोड़ लोगों को आधार नंबर देने का लक्ष्‍य पूरा कर लेगा। 
योजना आयोग से संबद्ध यह कार्यालय सरकारी अधिसूचना के जरिए जनवरी 2009 में स्‍थापित किया गया। यूआईडीएआई विभिन्‍न स्‍तरों पर आंकड़े इक्‍ट्ठे कर तथा हाथों की उंगलियों के निशान और आंख की पुतली जैसी बायोमीट्रिक पहचान संबंधी जानकारी इक्‍ट्ठा करने के बाद यूआईडीएआई ने 29 सितंबर 2010 को पहला आधार नंबर जारी किया था। यूआईडीएआई ने नवम्‍बर 2011 तक 8 करोड़, नवंबर 2012 तक 15 करोड़ आधार नंबर जारी किए तथा पिछले 12 महीनें में और 28 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए। 11 राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अब आधार का स्‍तर संतृप्‍ता के स्‍तर, 75 प्रतिशत या इसके ऊपर पहुंच चुका है, जबकि आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, दिल्‍ली और चंडीगढ़ में यह स्‍तर 90 प्रतिशत से भी ऊपर पहुंच गया है। आधार के लिए नामांकन पूर्ण रूप से स्‍वैच्छिक है और केंद्र तथा राज्‍य सरकारों की कई योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए आधार नंबर का उपयोग, पहचान या पते के सबूत के रूप में किया जाता है। 
चार करोड़ से ज्‍यादा आधार नंबर धारकों ने अपने बैंक खाते को आधार के साथ जोड़ा है, ताकि बैंकों से जुड़ी आधार प्राप्‍त भुगतान सेवाओं का लाभ उठा सके। आधार से जुड़े हुए बैंक खाता धारक दूसरी पार्टी को अपने बैंक के बारे में जानकारी दिए बिना आधार नंबर का स्‍थायी वित्‍तीय पते के रूप में इस्‍तेमाल कर राशि भेज या प्राप्‍त कर सकते हैं। 
आधार नंबरों का उपयोग कर सीधे लाभ हस्‍तांतरण (डीबीटी) सहित केंद्र और राज्‍य सरकारों के कई कार्यक्रमों/परियोजनाओं का फायदा उठाया जा सकता है। देश के 121 जिलों में 28 केंद्रीय परियोजनाओं के लिए तथा 95 जिलों में तरल पेट्रोलियम गैस (डीबीटीएल) के लिए चरणबद्ध आधार पर डीबीटी की शुरूआत की गई। 
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