ओ.पी.शर्मा* प्रमुख एकीकृत युवा संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर(एनसीसी) देश के दूसरे हिस्सों की तरह ही जम्मू और कश्मीर के युवाओं में भी लोकप्रिय हो रही है। इसके 24,000 कैडेट हैं, जिनमें से 8,000 कैडेट लड़कियां हैं। एनसीसी की गतिविधियों के चलते जम्मू कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में युवा लड़के और लड़की कैडेटों की संख्या का बढ़ी है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। 24 नवम्बर, 2013 को एनसीसी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें युवा वर्ग ने पूरे उत्साह से भाग लिया। विद्यालयों और महाविद्यालयों सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में एनसीसी द्वारा सेना, नौसेना और वायुसेना में काम करने का प्राथमिक प्रशिक्षण के साथ ही युवाओं को अनुशासित और राष्ट्रभक्त नागरिक बनने की शिक्षा दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में चरित्र निर्माण, साथी भाव, अनुशासन, नेतृत्व, राष्ट्रीय दृष्टिकोण, उत्साह और नि:स्वार्थ भावना से सेवा की शिक्षा देना है। इसका मकसद संगठित, प्रशिक्षित और जागरूक लड़के और लड़कियों को तैयार करना ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व दे सकें। इसके साथ ही उन्हें सैन्य बलों में भर्ती के लिए भी तैयार किया जा सके। एक विशेष साक्षात्कार में जम्मू और कश्मीर एनसीसी के अवर महा निदेशक मेजर जनरल नीरज वर्मा ने बताया कि राज्य में एनसीसी को एक संगठन के रूप में दोबारा खड़ा करने के लगातार उपाय किए जा रहे हैं। धीरे-धीरे संगठन की गतिविधियां बढ़ रही हैं। जम्मू और कश्मीर में एनसीसी प्रमुख नियमित रूप से शिविर लगा रहे हैं ताकि इस सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य के दूरदराज के इलाकों में भी एनसीसी की उपस्थिति नजर आए। इस वर्ष जुलाई में ही अपना कार्यभार संभालने वाले जनरल वर्मा ने कहा कि हमारा उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रीयता, देशभक्ति, अनुशासन, एक साथ काम करने की भावना, नेतृत्व और आत्म विश्वास बढ़ाना और युवा के व्यक्तित्व को निखारना हैं। उन्होंने कहा कि एनसीसी जाति, वर्ण, धर्म और आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर प्रत्येक की भलाई के लिए काम करने का मौका देती हैं। उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में पहली बार श्रीनगर में वर्ष 1954 में एनसीसी की स्थापना की गई। इसके बाद सितम्बर 1959 में एनसीसी की एक बटालियन जम्मू में तैनात की गई जिसमें राज्य के 6,560 कैडेट थे। वर्ष 1962 में एनसीसी की महिला शाखा की दो बटालियन जम्मू में शुरू की गईं। इसके बाद राज्य में विभिन्न स्थानों पर तेजी से एनसीसी की गतिविधियां बढ़ी, विशेष रूप से चालू वर्ष में एनसीसी की गतिविधियां लद्दाख क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के दूसरे स्थानों तक पहुंची। छात्रों की बढ़ती हुई उम्मीदों को देखते हुए राज्य एनसीसी निदेशालय ने राज्य सरकार और एनसीसी मुख्यालय के साथ मिलकर नई इकाईयां बनाने और मौजूदा संरचनाओं को बेहतर बनाने का कार्य कर रहा है। 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान एनसीसी कैडेट सुरक्षा की दूसरी पंक्ति में मौजूद थे और उन्होंने कई मोर्चों पर शिविर लगाए थे। एनसीसी कैडेटों ने नागरिक सुरक्षा का भी कर्त्तव्य बखूबी निभाया। युवक और युवतियों को बेहतर नागरिक और सुरक्षा बलों सहित जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व करने लायक बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित करने हेतु एक युवा संगठन बनाने की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम, 1948 के अंश के बाद एनसीसी का गठन किया गया। एनसीसी अभियान 15 जुलाई, 1948 को शुरू किया गया। अभी महानिदेशक के नेतृत्व में इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। एनसीसी आज दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत युवा संगठन में शामिल है और इसने राष्ट्र निर्माण और हमारे देश के युवाओं को जिम्मेदार बनाने के रूप अपना अनोखा स्थान बनाया है। एनसीसी का आदर्श वाक्य है- 'एकता और अनुशासन' और यह हमारे युवाओं को एक अनुशासित नागरिक बना रहा हैं। एनसीसी का अपना ध्वज है और इनकी पहचान मधुर और राष्ट्रभक्ति गीत 'हम सब भारतीय हैं' हैं। इसमें कोई शक नहीं कि एनसीसी तरक्की कर रहा है लेकिन हमारे युवक और युवतियों की ऊर्जा और उत्साह को उद्देश्यपूर्ण तथा उपयोगी राष्ट्रीय गतिविधियों में लगाने की आवश्यकता हैं। विभिन्न मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को एनसीसी की गतिविधियों में जरूर सक्रिय होना चाहिए। यह अच्छी बात है कि जम्मू-कश्मीर के युवा इस देश की भलाई के लिए एनसीसी में भाग लेने के लिए लालायित हैं। हाल ही में दो राष्ट्रीय स्तर के शिविर जम्मू-कश्मीर में लगाए गए जिनमें काफी युवाओं ने हिस्सा लिया और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। सरकार को संवेदनशील तथा सीमावर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में एनसीसी की गतिविधियों को और तेजी से बढ़ाने के बारे में विचार करना चाहिए ताकि युवक और युवतियों को स्थायी शांति बनाए रखने के लिए उचित रूप से प्रेरित और सामाजिक तथा आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ाया जा सके। |