राष्ट्रीय (26/11/2013) 
बागा बीच’ फिल्‍म में गोवा के तटवर्ती इलाके के लोगों की जिन्‍दगी की कहानी
लक्ष्‍मीकांत शेतगांवकर द्वारा निर्देशित फिल्‍म ‘बागा बीच’ गोवा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की संघर्ष की कहानी है। आज इस फिल्‍म को दिखाये जाने के बाद श्री शेतगांवकर ने 44वें भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म उत्‍सव में मीडिया से बातचीत में कहा कि वैसे राज्‍य में जहां एक मौसम में आने वाले पर्यटकों की संख्‍या वहां के स्‍थानीय निवासियों की संख्‍या से तीन गुणी अधिक होती है और जहां अंधाधुंध तरीके से राजस्‍व जुटाया जाता है उस राज्‍य में लोगों की जिन्‍दगी पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। 
उन्‍होंने कहा कि ‘बागा बीच’ में यह दिखाया गया है कि कैसे पर्यटक, स्‍थानीय लोग और दूसरी जगह से आकर बसे लोग आर्थिक भावनात्‍मक और सामाजिक रूप से एक-दूसरे पर निर्भर हैं और कैसे ये लोग जटील असमान संबंध निभाते हैं। उन्‍होंने कहा कि यह फिल्‍म गोवा की प्रसिद्ध मौज मस्‍ती, फेनी और स्‍वतंत्रता की बारिक कहानी पेश करती है। यह फिल्‍म उन समुद्री किनारों के बारे में है जो समुद्र की सुन्‍दरता के साथ-साथ स्‍थानीय लोगों की जिन्‍दगी में आने वाली कड़वी सच्‍चाई पेश करते हैं। 
फिल्‍म के सह निर्माता डॉ. सागर सालगांवकर ने कहा कि यह फिल्‍म बाल शोषण, पलायन और पर्यटन प्रभाव जैसे संवेदी विषयों के बारे में है। ‘बागा’ के कलाकार पाओली डैम और आकाश सिन्‍हा ने कहा कि राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार विजेता निर्देशक के साथ काम करना उनके लिए अलग तर‍ह का अनुभव रहा।
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